मायावती पर शिकंजा कसने की तैयारी, स्मारक घोटाले मामले में छापा!

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद अब मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट पर शिकंजा कसा है।

ईडी ने बसपा प्रमुख से जुड़े स्मारक घोटाले में राजधानी में सात ठेकेदारों व अधिकारियों के ठिकानों पर बृहस्पतिवार को एक साथ छापेमारी की और कई दस्तावेज जब्त किए हैं। इस घोटाले में 111 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप है।
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अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, वर्ष 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद इस घोटाले की जांच में तेजी आई थी, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2014 में विजिलेंस ने सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में गोमतीनगर थाने में केस दर्ज कराया था। इसी आधार पर ईडी ने भी अपने यहां मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

दरअसल, मायावती के शासनकाल (2007-2012) में 2600 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ और नोएडा में स्मारक बनाए गए थे। इनमें पार्क के साथ डॉ. भीमराव आंबेडकर, कांशीराम और मायावती की मूर्तियां भी लगवाई गई थीं।

आरोप है कि निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता से सरकारी खजाने को 111 करोड़ 44 लाख 35 हजार 066 रुपये का नुकसान हुआ और लोकसेवकों व निजी व्यक्तियों को अवैध फायदा हुआ। ईडी ने अपने यहां दर्ज एफआईआर में 19 लोगों को आरोपी बनाया है।