मिस्र के मछुआरे महमूद अल-सईद ने 23 यूनानियों समेत चार कुत्तों को जंगल की आग से बचाया

महमूद अल-सईद मूसा उस समय सोफे पर आराम कर रहे थे जब 23 जुलाई को 6:30 बजे उनका फोन बजा था। जंगली आग ने मती के तटीय गांव को पकड़ लिया था और लोग भागने के लिए समुद्र में बेहद कमजोर थे। उसके मालिक कोस्टस ने कहा कि जल्दी आओ।

46 वर्षीय मिस्र का यह मछुआरा अपने घर से बाहर निकला। वह ऊपर उठते धुएं को देख सकता था जो काफी तेजी से निकल रहा था। कुछ क्षणों के भीतर वह नेआ मकरी बंदरगाह पहुंचे, जहां वे अपने मछली पकड़ने के पोत को डॉक करते हैं।

वे सैल सेट करते हैं। उन्होंने अल-जज़ीरा से कहा, ‘हमने सुना है कि 150 लोग आग और समुद्र के बीच फंस गए थे। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव वीडियो क्लिप पोस्ट करके उसको फिल्माया। मूसा ने क्लिप में कहा कि हम लोगों को आग से बचाने के लिए जा रहे हैं।

नीचे पानी में मलबे बिखरे हुए थे। कोस्टस और मूसा वहां पहुंचे। वह बताते हैं कि धुएं के कारण सामने कुछ नहीं देख पा रहे थे और सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। यह सबसे मुश्किल क्षण थे जहां उन्होंने 23 यूनानियों समेत चार कुत्तों को जंगल की आग से बचाया था।

हजारों मिस्र के मछुआरों में से मूसा एक हैं। जब वह 16 साल का था तब उसने शहर के एक बड़े तटीय एज़बेट एलबोर्ग को छोड़ दिया। यहां अपने 30 वर्षों में उन्होंने जंगल की आग का ऐसा डरावना रूप कभी नहीं देखा।