कल देश भर में मनाई जाएगी ईद-उल-जुहा, जानिये क्यों है खास ये त्यौहार

दुनिया भर के देशों समेत कल यानि शनिवार के दिन ईद-उल-अजहा का पाक दिन मनाया जा रहा है। हालाँकि दुनिया के कई मुस्लिम देशों समेत केरल में भी ईद-उल-अजहा आज यानि शुक्रवार को ही मना ली गई थी लेकिन देश के बाकी हिस्सों में यह पाक दिन कल मनाया जा रहा है। कल के दिन का इस्लाम में बहुत महत्व है क्यूंकि कल यानि बकरीद के दिन हर मुस्लिम को अपनी किसी प्रिय चीज अल्लाह के लिए कुर्बान करनी होती है।

यही वजह है कि इस पर्व का इस्लाम में काफी ज्यादा महत्व है। इस्लमामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद-उल-जुहा यानी कि बकरीद 12वें महीने धू अल हिज्जा के दसवें दिन मनाई जाती है।

जानिए क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी

इस्लाम में इस दिन के बारे में बताया गया है कि हजरत इब्राहिम को एक बार सपने में अल्लाह ने अपनी किसी प्रिय चीज की कुर्बानी देने का हुकूम दिया। हजरत इब्राहिम को अपना बेटा बहुत प्यारा था इसलिए अल्लाह के हुक्म को सराखों पर रखते हुए उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने की तैयारी कर ली। जब अपने बेटे को अल्लाह के लिए हजरत इब्राहिम कुर्बान कर रहे थे, तो उनसे अपने बेटे को ऐसी स्थिति में देखा नहीं गया। जिस वजह से उन्होंने उस वक्त अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। उसके बाद उन्होंने अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चला दी पर अल्लाह ने हजरत की सच्ची निष्ठा को देखते हुए उनके बेटे को हटाकर उनकी छुरी के निचे एक मेमना खड़ा कर दिया। कुर्बानी के बाद जब हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो देखा कि बेटा जिंदा है और उसकी जगह उसने एक जानवर को कुर्बान कर दिया। अपने बेटे को जिंदा देखकर हजरत इब्राहिम काफी खुश हुए। बताया जाता है कि इसकी याद में ही यह कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है। फिर बकरीद पर जानवर की कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हो गई।