प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले खबर आई की नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड सरकार में शामिल नहीं होगी। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर से कहा कि उनकी पार्टी मौजूदा केंद्र सरकार में हिस्सेदार नहीं बनेगी।
इसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार किया तो उन्होंने आठ मंत्रियों में से एक भी बीजेपी को नहीं दिया। इन दो राजनीतिक घटनाओं के बाद सवाल उठने लगे कि आखिर नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी क्यों बना रहे हैं।
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनकी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि काश ऐसी ही तस्वीर नवरात्र में भी आती।
गिरिराज के इस ट्वीट के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया, लेकिन जब पटना के राजनीतिक गलियारे की गहमागहमी पर गौर करेंगे तो समझ पाएंगे कि दोनों दलों के बीच राजनीतिक चाल के तहत तनातनी दिखाने की कोशिश हो रही है।