चुनाव आयोग छत्तीसगढ़ में दिल्ली जैसा एक्शन लिया तो नहीं बचेगी भाजपा सरकार

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आप पार्टी के 20 विधायकों को ‘लाभ का पद’ रखने के मामले में अयोग्यी घोषित करार दिया है। वे सभी संसदीय सचिव के पद पर थे। इसी तरह का मामला छत्तीकसगढ़ में भी है, जहां भाजपा 11 विधायक संसदीय सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग कर रहे है कि छत्तीासगढ़ के संसदीय सचिवों पर दिल्ली जैसा नियम लागू करते हुए उन्हें1 अयोग्य घोषित कर दिया जाए।

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बता दें कि अगर छत्ती सगढ़ में ऐसा होता है तो रमन सिंह की सरकार खतरे में आ जाएगी। 90 सदस्यीरय विधानसभा छत्तीससगढ़ में भाजपा के 49 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 39 और एक निर्दलीय तथा एक बसपा विधायक है।

ऐसे में अगर 11 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाता है तो सदन में 79 सदस्यस रह जाएंगे और बहुमत का आंकड़ा 40 हो जाएगा। ऐसी स्थिति भाजपा को इकलौते निर्दलीय और एक बसपा विधायक की मदद की जरूरत होगी। अगर उनका समर्थन भाजपा को नहीं मिलता तो भाजपा के हाथ से छत्ती सगढ़ का सत्ता फिसल सकता है।