चर्च के पादरी का गुजरात के इसाईयों को खुला ख़त, राष्ट्रवादी ताकतों को वोट नहीं दें

गांधीनगर। गुजरात चुनाव इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन चुनाव से पहले ही सोशल मीडिया में वायरल हो रही है एक पादरी का खुला खत।  मामला गुजरात के गांधीनगर का है जहां के एक चर्च के पादरी ने अपने समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए खुला खत लिखा है।

चर्च के पादरी का ये खत सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। इस खत में पादरी ने समुदाय के लोगों से मानवीय मूल्यों वालें नेताओं के चुनाव में जीतने के लिए प्रार्थना करने की अपील की गई है।

हालांकि पादरी का ये खुला खत चिट्ठी पढ़ने के बाद यह साफ दिख रहा है कि इस खत के जरिए पादरी ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधने की कोशिश की गई है

गांधीनगर आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने अपने खत में लिखा कि, “गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस चुनाव के परिणाम देश के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसकी प्रतिक्रिया और प्रतिध्वनि हमारे प्यारे देश पर पड़ेगी।

यह हमारे देश के भविष्य पर भी असर डालेगा। हमें मालूम है कि हमारे देश की धर्मनिपेक्षता और लोकतंत्र इस समय दांव पर है। मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

संवैधानिक अधिकारों को कुचल दिया जा रहा है. ऐसा एक दिन भी नहीं जाता जब हमारे चर्चों, चर्च के लोगों या अन्य संस्थानों पर हमला ना हो। ओबीसी, पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यक के बीच असुरक्षा का भाव बढ़ता जा रहा है।

देश भर में राष्ट्रवादी ताकतें चरम पर हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम एक परिवर्तन ला सकते हैं।

पादरी थॉमस मैकवान ने अपने खत में कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र किया है, और लिखा है कि, 1571 में लेपेंटो की लड़ाई में यूरोप को बचाने के साथ तमाम देशों में कम्युनिस्ट सरकारों और तानाशाहों की सत्ता पलटने में हमारी आस्था और मदर मैरी ने बहुत मदद की थी।