उपचुनाव: जानें, क्या है जोकीहाट उपचुनाव के राजनीतिक मायने

पटनाः बिहार के जिला अररिया स्थित जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में 28 मई को उपचुनाव होने हैं। इस उपचुनाव को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 70 फीसदी मुस्लिम मतदाता वाले इस क्षेत्र में होनेवाला चुनाव बिहार की सियासत की दिशा और दशा तय करेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि जोकीहाट उपचुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अहम है।

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जहां एक ओर सत्ता पक्ष को अपनी एक सीट को सुरक्षित रखने की कड़ी चुनौती है। वहीं, विपक्ष के गठबंधन की कठिन परीक्षा है। जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं।

खबर के मुताबिक, जाकीहाट उपचुनाव लोकसभा चुनाव से पहले होने वाला चुनाव है। इसलिए इस चुनाव को अहम माना जा रहा है। जबकि लोकसभा चुनाव के लिए अब 12 महीने का भी वक्त नहीं बचा है। ऐसे में जहां सभी पार्टियां मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में करने के लिए कवायद रच रहे हैं। तो वहीं जोकीहाट, जहां 70 फीसदी मुस्लिम मतदाता है वहां किसी भी पार्टी की जीत यह तय कर सकता है कि मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव किसकी ओर है।

बता दें कि इस विधानसभा क्षेत्र के गठन के बाद से अबतक यहां मुस्लिम उम्मीदवार की ही जीत हुई है। हालांकि 9 उम्मीदवारों में एक उम्मीदवार हिंदू है। जो इतिहास जानते हुए भी जोखिम उठाया है।

यही नहीं जोकीहाट का एक और इतिहास है कि यहां एक ही परिवार का दबदबा रहा है। तस्लीमुद्दीन परिवार ने 14 बार चुनाव में यहां 9 बार अपना कब्जा जमाया है। हालांकि यह एक ही पार्टी में रहकर नहीं हुआ है