VIDEO: लेबनान चुनाव में हिज्बुल्हलाह की जीत से सऊदी अरब को बड़ा झटका, अरब देशों में पकड़ हुई कमजोर!

लेबनान की जनता एक दशक के बाद 6 मई को एक बार फिर पोलिंग बूथ तक अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करने के लिए पहुँची।लेबनान की वर्तमान संसद 2009 में गठित की गई थी और सुरक्षा कारणों से उसके कार्यकाल को अब तक तीन बार बढ़ाया गया है।

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रिपोर्ट बताती हैं कि लेबनान के कुछ बड़े शहरों में सुबह 7 बजे पोलिंग बूथ खुलने से पहले ही लोगों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी।
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लेबनान गृह मंत्री की विभाग अलमशनूक़ ने संसदीय चुनावों की वोटिंग पूरी होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि इन चुनावों में 49.2 प्रतिशत लोगों ने भाग लिया था।

लेबनान मीडिया में चुनावों के नतीजों की रिपोर्ट के अनुसार रायटर्ज़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिज़्बुल्लाह और उसको सहयोगी दलों ने 128 सीटों में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह चुनाव हिज़्बुल्लाह और सहयोगी दलों के लिए सफल रहा है।

इसी प्रकार खबरें आ रही हैं कि लेबनान की प्रधान मंत्री सअद हरीरी की पार्टी अलमुसतकबल को हार का सामना करना पड़ा है। रिपोर्टों से पता चला है कि पुलिस प्रमुख और पूर्व न्याय मंत्री अशरफ रीफी जो हिज़्बुल्लाह के कट्टर विरोधी और सऊदी समर्थक हैं, को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

14 मार्च आंदोलन पार्टी के करीबी इसतिरदा जाजा और सअद हरीरी की फूफी बहिया, और अलमुसतकबल टीवी की एंकर वपूला याकूबियान वह महिलाएं है को इन चुनावों में संसद पहुँचने में सफल रही हैं।

दूसरी तरफ़ चुनावों में हिज़्बुल्लाह और उसको सहयोगी दलों की सफलता पर ज़ायोनी शासन की शिक्षा मंत्री नफताली बिन्त ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इन चुनावों के बाद इस्राईल हिज़्बुल्लाह को लेबनान के रूप में देखता है, हिज़्बुल्लाह और लेबनान सरकार की गतिविधियों में वह कोई अंतर नहीं देखता है, और लेबनान की धरती से इस्राईल के विरुद्ध होने वाली किसी भी गतिविधि के लिए लेबनान सरकार को ज़िम्मेदार मानेगा। आज के बाद हिज़्बुल्लाह और लेबनान एक हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि इन चुनावों में सऊदी समर्थित पार्टियों की हार दिखाती है कि इस देश को लोगों ने क्षेत्र में सऊदी बादशाहों हस्तक्षेप पूर्ण नीतियों को न कर दिया है।

बहुत से विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनावों में एक स्पष्ट संदेश था, और वह यह था कि लाखों डॉलर खर्च करने के बावजूद लेबनान जनता की नज़र में अमरीका और सऊदी अरब प्रतिरोधी मोर्च की लोकप्रियता को कम नहीं कर सके हैं।

लेबनान चुनाव पर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा हैः हम आशा करते हैं कि इन चुनावों के परिणाण लेबनान में शांति और स्थायित्व की स्थापना में सहायक हों और जितनी जल्दी हो सके एक जनता की चुनी हुई सरकार बन सके।

इस बयान में लेबनान की संप्रभुता, स्वतंत्रता, और सुरक्षा को तुर्की के लिए महत्व पूर्ण बताया गया है और कहा गया है कि तुर्की की जनता और सरकार लेबनान की दोस्त है।

उल्लेखनीय है कि हिज़्बुल्लाह महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने सोवमार 7 मई को अलमनार चैनल के माध्यम से भाषण दिया है।

साभार- ‘World News Arabia’