देश के मौजूदा चिंताजनक स्थिति से फिक्रमंद जमीअत उलेमा ए हिन्द ने मिल्ली फ़िक्र के साथ जहाँ एक ओर किसानों, नौजवानों और देश की अर्थ वयवस्था पर बात शुरू की है वहीँ अपने दलित मुस्लिम, आदिवासी गठबंधन मिशन को लेकर आगे बढ़ रही है, और यह पैगाम भी आम कर रही है कि 2019 में अगर साम्पदायिक शक्तियों को हराना है तो दलित मुस्लिम गठबंधन के साथ सेकुलर पार्टियों का गठबंधन भी ज़रूरी है।
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यहाँ जमीअत उलेमा ए हिन्द के हेड ऑफिस में उलेमा ए किराम, मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ साथ दिलत और गैर मुस्लिम बुद्धिजीवी और ज़िम्मेदारों की ‘देश दोराहे पर और आगे का रास्ता’ के विषय पर बंद कमरे में एक सम्मेलन का वयवस्था किया गया।
एससी, एसटी, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के बीच गठबंधन के लिए सकिर्य कार्य जमीअत उलेमा ए हिन्द के महासचिव और पूर्व सांसद मौलाना सैयद महमूद मदनी की निमंत्रण पर जहाँ एक ओर जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के शिक्षक मौलाना सैयद अरशद मदनी पहुंचे वहीं दूसरी ओर दलित नेता प्रकाश अम्बेडकर, स्वामी अग्निवेश, प्रोफेसर राम पुनियानी जैसी शख्सियत भी पहुंची।