नीति आयोग ने बेहतर वेतन और उच्च उत्पादक रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा है कि देश के समक्ष बेरोजगारी के बजाए गंभीर अर्द्ध -बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। आयोग ने पिछले सप्ताह जारी तीन साल की कार्य योजना में कहा कि आयात प्रतिस्थापन रणनीति के जरिये घरेलू बजार पर ध्यान देने से सापेक्षिक रूप से लघु कंपनियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
देश में रोजगार विहीन वृद्धि के दावे के विपरीत राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) के रोजगार-बेरोजगार सर्वे में बार-बार कहा जाता रहा है कि तीन दशक से अधिक समय से देश में बेरोजगारी की दर कम और स्थिर है।
वर्ष 2017-18 से 2019-20 के तीन साल के कार्य एजेंडा में कहा गया है, ‘‘वास्तव में बेरोजगारी भारत के लिये कम महत्वपूर्ण समस्या है। इसके बजाए अधिक गंभीर समस्या गंभीर अर्द्ध-बेरोजगारी है।’’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इस समय जरूरत उच्च उत्पादकता और बेहतर वेतन वाले रोजगार सृजन करने की है।’’ दक्षिण कोरिया, ताइवान, सिंगापुर और चीन जैसे प्रमुख विनिर्माण देशों का उदाहरण देते हुए इसमें कहा गया है, ‘‘वैश्विक बाजार के लिये विनिर्माण के जरिये मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने की जरूरत है।’’