विप्रो के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीम प्रेमजी 30 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे और उनके बड़े बेटे और मुख्य रणनीतिक अधिकारी रिशद ए प्रेमजी उनकी जगह 31 जुलाई को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में लेंगे।
विप्रो ने बताया कि प्रेमजी 30 जुलाई को रिटायर हो जाएंगे लेकिन नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फाउंडर चेयरमैन के तौर पर बोर्ड में बने रहेंगे।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, कंपनी ने एक बयान में कहा, “हमारे संस्थापक अजीम प्रेमजी कार्यकारी अध्यक्ष के पद से 30 जुलाई को अपना वर्तमान कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे और उनके बड़े बेटे रिशद उनकी जगह लेंगे और 31 जुलाई से कंपनी के शीर्ष कार्यकारी का पद संभालेंगे।”
आपको बता दें कि अजीम प्रेमजी 53 साल से विप्रो का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कंपनी की कमान 1966 में संभाली थी। वास्तव में पिता के निधन के बाद प्रेमजी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़कर भारत लौटे थे। उस समय विप्रो तब कुकिंग ऑयल के बिजनेस में थी। कंपनी ने आईटी सर्विसेज में एंट्री 1982 में की थी।
अजीम प्रेमजी के बड़े बेटे रिशद प्रेमजी मौजूदा समय में विप्रो के चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर के अलावा कंपनी के बोर्ड मेंबर भी हैं। अब वो एक्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद संभालेंगे। आपको बता दें कि रिशद 2007 में विप्रो के साथ जुड़े थे।
रिशद कंपनी के बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज डिवीजन में बिजनेस मैनेजर बने थे। रिशद ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है। उन्होंने इससे पहले लंदन की बेन एंड कंपनी में कंसल्टेंट रहे थे।
विप्रो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी के सीईओ और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आबिद अली नीमचवाला का पद अब सीईओ और एमडी का होगा।
विप्रो देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। विप्रो ने यह मुकाम काफी समय में बनाया है। विप्रो ने 1982 में आईटी बिजनेस में प्रवेश किया था।
दुनिया के कई बड़े बैंक और हेल्थकेयर कंपनियां विप्रो के क्लाइंट हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि विप्रो का मार्केट कैप 1.76 लाख करोड़ रुपए का है। इससे पहले टीसीएस और दूसरे नंबर इंफोसिस आईटी कंपनी है।
अजीम प्रेमजी दुनिया के 3वें बड़े अमीर उद्योगपति हैं। उनकी मौजूदा नेटवर्थ 22.2 अरब डॉलर भारतीय रुपए के अनुसार 1.55 लाख करोड़ रुपए है।
मार्च में उन्होंने 52,750 करोड़ रुपए की वैल्यू के शेयर दान कर दिए थे। उन्होंने यह दान अपने फाउंडेशन के जरिए किए थे। वो अब 1.45 लाख करोड़ रुपए दान कर चुके हैं। जिसकी तारीफ माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के दूसरे बड़े अमीर बिल गेट्स भी कर चुके हैं।