इस्तांबुल। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने इजरायल की नीतियों की आलोचना की है। चूंकि दोनों देशों ने साल 2016 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं इसके बावजूद इजरायल हर दिन वेस्ट बैंक में कब्जे की योजना बना रहा है।
इस्तांबुल में एक सम्मेलन में बोलते हुए एर्दोगान ने दुनिया भर में तुर्क और मुसलमानों को अल-अक्सा मस्जिद के समर्थन और फिलीस्तीनी संघर्ष के खिलाफ आवाज बुलंद करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि तुर्की इजरायल के कब्जे में फिलीस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करता है और इसको महत्व देता है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि एक मुस्लिम समुदाय के रूप में हमें अल-अकसा मस्जिद पर बार-बार जाने की जरूरत है, वहां हर दिन यरूशलम का कब्ज़ा हो रहा है, जो अपमान है।
एर्दोगान ने यह भी कहा कि वेस्ट बैंक में फिलीस्तीनियों के साथ इज़रायल की नीति जातिवाद, भेदभावपूर्ण और रंगभेद की याद दिलाती है। तुर्की के राष्ट्रपति ने अमेरिका को चेतावनी दी कि तेल अवीव से यरूशलम तक अपने दूतावास को स्थानांतरित नहीं करें।
उन्होंने दावा किया कि यह बेहद बुरा होगा और कहा कि इस कदम को त्याग दिया जाना चाहिए। एर्दोगान ने भी उस नए कानून को ख़त्म किये जाने की बात कही दो महीने पहले पारित हुआ था, जिसमें मुअज्जिन को अजान देने से रोकने की बात कही गई है। यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
वे नमाज के लिए अजान देने से क्यों डरते हैं? विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता इमानुएल नहशोन ने कहा कि जो लोग स्वयं के देश में मानव अधिकारों का व्यवस्थित रूप से उल्लंघन करते हैं, उनको लोकतंत्र पर व्याख्यान और नैतिकता की बात नहीं करनी चाहिए।
पिछले जुलाई में इजरायल और तुर्की ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसने कूटनीतिक संकट को समाप्त कर दिया। यह पहली बार है जिसमें एर्डोगान ने इज़राइल पर जोरदार एर्दोगन ने इजरायल की नीतियों की आलोचना की है।