बेटे की हत्या के बाद भी शांति की अपील करने वाला इमाम मानवता का जीता जागता सबूत है: डॉक्टर कल्बे सादिक

नई दिल्ली: इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के बैनर तले हजरत अली (रज़ि) के जन्मदिन के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी अली डे का आयोजन किया गया, जिसमें जम्मू व कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्लाह, प्रख्यात इस्लामिक स्कोलर डॉक्टर कल्बे सादिक, मौलाना अतहर काज़मी, मौलाना हबीब हैदर व अन्य शामिल हुए।

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इस अवसर पर ख़िताब करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त डॉक्टर कल्बे सादिक ने कहा कि जवान बेटे की हत्या हो जाने के बाद भी शांति और भाईचारा कायम रखने की अपील करने वाला मस्जिद का इमाम दरअसल इंसानियत का जीता जागता सबूत है और निश्चित रूप से उनके इस अपील से न जाने कितने हिनुदुओं का दिल पलट गया होगा।

हम उस इमाम के मानने वाले हैं कि जिसने अपने हत्यारे तक के दर्द का एहसास किया और कहा कि उसको रस्सियों से क्यों जकड़ा है, उसे दर्द होगा खोल दो। डॉक्टर कल्बे सादिक ने इस अवसर पर इश्क मोहब्बत के फलसफा को समझाने की कोशिश की और कहा कि इश्क में आदमी जज्बाती हो जाता है। जबकि मोहब्बत सोच समझकर करनी चाहिए।