हिन्दू मुस्लिम साम्प्रदयिक सौहार्द की मिसाल बने नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अपूर्व जैन

जिस वक्त उत्तर प्रदेश में कासगंज दंगे के बिना पर साम्प्रदायिकता का शोर पूरे देश में उफान पर आया हुआ था ठीक उसी वक़्त डॉ अपूर्व जैन पुष्पांजलि हॉस्पिटल आगरा  में देश में साम्प्रदयिक सोहार्दय की अनोखी मिसाल क़ायम कर रहे थे. दरअसल मामला एक गरीब मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली 13 साल की बच्ची शाहिदा परवीन का है जो कि गुर्दा रोग से पीड़ित है.

जिसके परिवार पर अपनी बच्ची के इलाज कराने का एक भी रुपया नहीं था.  लेकिन ऐसे वक्त में डॉक्टर से फरिश्ता बने अपूर्व जैन ने अपने इंसानियत के हक़ को अदा करते हुए बच्चे को एडमिट कर उसका इलाज प्रारम्भ कराने की अनुमति प्रदान कर दी.  डॉक्टर अपूर्व जैन की टीम में काम कर रहे उनके रेजिडेंट डॉक्टर उमर ने सियासत से बात करते हुए बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बच्ची को लेकर भी मुहिम को चला रखा है.

जिसके जरिये अब तक देश के सभी हिन्दू मुस्लिम भाइयों के द्वारा दिल खोल कर इस बच्ची के लिए मदद को भेजी जारही है . बातचीत में उन्होंने बताया है कि डॉक्टर अपूर्व सर ने इस बच्ची के डिस्चार्ज के समय अपनी सारी विज़िट को शून्य करने तथा भविष्य में बच्ची के डायलिसिस को लेकर भी इस बात का आश्वाशन दिया है कि वे हर हालत में इस बच्ची को जितनी हो सकेगी उतनी मदद पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे.

तथा आगे भी इस बच्ची को उनको दिखाने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. वास्तव में हमारे समाज को डॉ अपूर्व जैन जैसे लोगों से इस बात की प्रेरणा लेने की अति आवश्यकता है कि व्यक्ति का धर्म नहीं उसका कर्म ही उसको महान बनाता है. धर्म के नाम पर विभेद करने वाले लोगों के लिए डॉ अपूर्व एक जीती जागती मिसाल हैं.

आपके गौरव सच्चाई और पेशे के प्रति निष्ठा को सैकड़ों सलाम डॉ अपूर्व काश कि ये बात खून की होली खेलते साम्प्रदायिकता की खेती में बर्बाद होते समाज के भी समझ आती तो ऐसे लोगों का इलाज हो पाता जो देश को कासगंज जैसे दंगों का दंश दे कर समाज में वैमनष्यता और भाईचारे को मिटा देने पर आतुर हैं.