EXCLUSIVE: नफरत की राजनीति रोकने के लिए मुसलमानों को सियासत में आना होगा- सुल्तान अहमद

अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में सुल्तान अहमद का नाम और कद काफी बड़ा है। सुल्तान अहमद को यहाँ मुसलमानों के सबसे ताकतवर नेता के तौर पर देखा जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुल्तान अहमद से सियासत हिंदी न्यूज पोर्टल की एक खास मुलाकात में राजनीति से जुड़े कुछ पहलुओं पर बातचीत हुई।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रोग्राम को कामयाब बनाने में अहम रोल अदा करने वाले सुल्तान अहमद कहते हैं- मुझे जो जिम्मेदारी जब भी दी गई, हम उसे बेहतर तरीके से निभाने की कोशिश करते हैं। इसे कामयाब बनाने के लिए कोलकाता और पश्चिम बंगाल के दूरदराज के इलाकों से आये लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।

सवाल: क्या पश्चिम बंगाल में RSS की ताकत बढ़ी है?
जवाब : RSS की मौजूदगी पश्चिम बंगाल में पहले से ही है। किसी भी पार्टी या संगठन द्वारा नफरत की राजनीति को रोकने के लिए मुसलमानों को राजनीति में आना होगा। नफरत की राजनीति को रोकने के लिए राजनीति ही एक मात्र विकल्प है।

सवाल: धूलागड़ हिंसा पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब: सिर्फ़ धूलागड़ ही नहीं, राज्यों में जितनी भी इस तरह की घटनाएं हुई है, राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बहुत सख्ती के साथ उसका मुकाबला किया है। हमारी सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है। जहां मुसलमानों की गलतियां पाई गई हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

सवाल: जेएनयू और रोहित वेमुला की घटना पर आपकी क्या राय है? ABVP की राजनीति देश को किस दिशा में ले जा रही है?
जवाब: केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी सभी नीतियों का भगवाकरण कर चुकी है। जिस भी तरीके से पोलेराइजेशन किया जा सके, वह कर रही है। बीजेपी सरकार की इसी नीति का ही नतीजा है जो हिन्दू और मुसलमान दोनों को भुगतना पड़ रहा है। क्या गांव और क्या शहर, जहां भी चुनाव हो रहे हैं, चुनाव आयोग के तमाम हिदायतों को नज़रअंदाज किया जा रहा है। प्रधानमंत्री खुद कानून तोड़ रहें हैं। देश में जो एक बुद्धिजीवी वर्ग है, वो इस वक्त बहुत परेशान है। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में उम्मीद है कि रास्ता जरुर निकलेगा।

सवाल: 2019 लोकसभा में आपकी पार्टी क्या कांग्रेस से गठबंधन करेगी?
जवाब: यह पार्टी हाईकमान तय करेगी। दीदी का जो भी फैसला होगा, हम उसको मानने को तैयार हैं।

सवाल: राज्य के मुसलमानों ने जबर्दस्त तरीके से आपकी पार्टी को अपना समर्थन दिया है, आपकी सरकार मुसलमानों की तरक्की को लेकर कितनी गंभीर है?
जवाबः हम मुसलमानों के बारे में काफी सोचते हैं। हमारी सरकार ने मुसलमानों का डेवलपमेंट करने के लिए अपने नुमाइंदे बढ़ायें हैं। हर क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं। जहां भी कमी नजर आयेगी, हम उसे दूर करेंगे।

सवाल: क्या सूबे की राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है?
जवाब: बिल्कुल, राजनीति में बढ़ चढ़ कर आने की जरूरत है। सिर्फ राज्य में नहीं, पूरे देश में जरुरत है। समाज में नफरत की राजनीति को रोकने के लिए सिर्फ राजनीति ही एकमात्र रास्ता है।