सोमवार का दिन उत्तरप्रदेश की राजनीति के लिहाज़ से महत्वपूर्ण रहा क्योंकि बीएसपी से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की । इस मुलाक़ात के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरु हो गई है। सोमवार देर शाम को नसीमुद्दीन सिद्दीकी सीएम के सरकारी आवास पर उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंचे। नसीमुद्दीन को भ्रष्टाचार के आरोपों में बसपा से बाहर कर दिया गया है।
Lucknow: Former BSP leader Naseemuddin Siddiqui arrives to meet CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/3Wb57Zhls0
— ANI UP (@ANINewsUP) May 15, 2017
मायावती ने नसीमुद्दीन के साथ उनके बेटे अफजाल को भी पार्टी से बाहर कर दिया है। पिछले सप्ताह नसीमुद्दीन ने मायावती पर आरोप लगाया था कि वह 50 करोड़ रुपये की मांग कर रही थीं। इसके अलावा उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया था। सिद्दीकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होनें कहा था कि बसपा सुप्रीमो मायावती और बीएसपी के कुछ नेताओं के खिलाफ उनके पास इतने सबूत हैं कि अगर वह उजागर कर दें तो भूकंप आ सकता है।
नसीमुद्दीन के आरोपों के बाद मायावती ने आरोपों को नकारते हुए सिद्दीक़ी को ही ब्लैकमेलर कहा । इन आरोपों पर सिद्दीकी ने कहा था कि उन्होंने बीएसपी प्रमुख का नुस्खा ही उनपर आजमाया और उनका फोन टैप किया। सिद्दीकी ने कहा कि मैंने अपने बीवी-बच्चे को बचाने के लिए ऐसा किया।
सिद्दीकी ने कहा, ‘मायावती बताएं कि मैंने किसको ब्लैकमेल किया। मैंने तो अपने बीवी-बच्चे और परिवार को बचाने के लिए मायावती के सिखाए फोन टैपिंग के नुस्खे को उनपर ही आजमा लिया। मायावती ने अपनी दुर्भावना छिपने के लिए मुझे ब्लैकमेलर कहा। मैंने तो मायावती से बड़ा ब्लैकमेलर आजतक नहीं देखा। मायावती विधायकों और सांसदों को ब्लैकमेल करती हैं।
सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मायावती की प्रताड़ना से तंग होकर कई लोग पार्टी छोड़कर चले गए। ऑडियो में मायावती के छेड़छाड़ के आरोप पर उन्होंने कहा कि मायावती को कैसे पता कि ऑडियो में छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा, ‘मेरे द्वारा जारी ऑडियो की कहीं भी जांच करा ली जाए। अगर इसमें छेड़छाड़ की बात साबित हो जाती है तो वह जो कहें मैं करने को तैयार हूं। मायावती हमेशा नई कहानी गढ़ती हैं। उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र पर बीएसपी को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मायावती ने कांशीराम के सपनों को खत्म कर दिया। वह मुझसे मेरे सारी चल-अचल संपत्ति लेना चाहती थीं।