दुमका : झाविमो सदर शरीक साबिक वजीरे आला बाबूलाल मरांडी ने हजारीबाग व बोकारो में हुए फीर्कावाराना दंगों के लिए रघुवर सरकार को जिम्मेदार ठहराया़ उन्होंने कहा कि रियासत में कानून निजाम चरमरा गयी है. गुजिश्ता 15 सालों में रघुवर दास को सबसे कमजोर सीएम बताते हुए उन्होंने कहा कि नैतिकता की बुनियाद पर रघुवर दास को रिजाइन दे देना चाहिए.
मिस्टर मरांडी ने कहा कि 2014 में पूरे साल भर में महज 15 फिर्कावाराना झगड़े हुए थे, जबकि इस सरकार के 15 महीनों की मुद्दत में 60 से ज्यादा सांप्रदायिक झगड़े हो चुके हैं. इसमें कई लोगों की जानें गयीं. लातेहार की वाकिया भी डरावनी है. रामनवमी में ही आधा दर्जन से ज्यादा मुकामात पर सांप्रदायिक दंगे हुए. सारा कुछ रघुवर सरकार के तहफ्फुजात में हुआ. सरकार ने पहले कहा था कि कहीं डीजे नहीं बजेगा, लेकिन हजारीबाग में डीजे में जिस कैसेट को बजाया जा रहा था, वह कैसेट एक खाश तबके के खिलाफ व मजहबी भावना को ठेस पहुंचाने वाला था. इतना ही नहीं उसी जगह फाइनेंस रियासती वजीर व एमएलए हेलीकाॅप्टर से फूल बरसा रहे थे. इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है. सरकार को बताना चाहिए कि ऐसे कैसेट-सीडी बजाने की इजाजत किसने दी थी. मौके पर साबिक एमएलए मिस्त्री सोरेन, केंद्रीय समिति सदस्य पिंटू अग्रवाल व जिला संयोजक धर्मेंद्र सिंह बिट्टू भी मौजूद थे.