उत्तर प्रदेश की राजधानी के एक मदरसे में बंधक बनाकर रखी गयीं 51 लड़कियों को पुलिस द्वारा मुक्त करनें वाली ख़बरें फर्जी बताई गई है. बीते शुक्रवार को हिंदुस्तान दैनिक में खबर छपने के बाद , समाचार एजेंसी से ले कर बड़े से छोटे अख़बार और न्यूज़ पोर्टल ने जरा भी खबर की तहकीकात करने की ज़हमत न समझी . सबने अपनी खबर में गर्ल्स होस्टल को मदरसा का नाम दे कर खूब टीआरपी बटोरी . साथ ही सोशल मीडिया पर लोग मदरसों की तुलना आश्रमों से करने लगे . बता दें की साथ ही मदरसे के प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया था. अखबार में लिखी घटना की पड़ताल की गई तो पता चला कि ये दो पार्टियों का आपसी झगड़ा है। ये एक PG (पे इन गेस्ट) गर्ल्स होस्टल है दूर दराज से शिक्षा ग्रहण करने आई लड़कियां रहती हैं। जिसमें एक पार्टी ने दूसरी पार्टी पर ये आरोप लगाया की उक्त होस्टल संचालक उसके बराबर में सटे मदरसे पर जिसमे वो टीचर भी है पर कब्जा करना चाहता है।
#Lucknow: Girls rescued in raids at a Madrasa in #Shahadatganj, manager arrested for allegedly sexually exploiting girls
— ANI UP (@ANINewsUP) December 29, 2017