नई दिल्ली। अटलांटिक काउंसिल में यूरेशिया सेंटर के सहयोगी निदेशक गीषा गोंजालेज़ ने जोर देकर कहा कि भारत में मैसेजिंग ऐप के माध्यम से झूठी सूचनाओं के प्रसार ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को जन्म दिया है।
सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी खबरों के मुद्दे पर दिल्ली में ‘मीडिया साक्षरता और डिजिटल विघटन’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गोंजालेज ने कहा कि लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि इस चुनौती को कैसे सुलझाया जा सकता है।इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह चुनौती नई नहीं है।
अब नए प्लेटफ़ॉर्म हैं ताकि झूठी जानकारी साझा करने से वायरल हो सके। भारत में, मैसेजिंग ऐप के माध्यम से झूठी जानकारी के उपयोग से मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं।
ऐसी जानकारी के प्रचार को हतोत्साहित करने के लिए जरूरी झूठी सूचनाओं और उपायों से निपटने के तरीकों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम जो करते हैं उसमें बहुत सारी व्यक्तिगत शक्ति होती है और हम क्या प्रतिक्रिया करते हैं।
आप कह सकते हैं कि अपने स्रोतों की जांच करें। इस पर बहस शुरू करने की जरूरत है।