एशिया के मशहूर आलिमे दीन मौलाना मोहम्मद सालिम कासमी लंबी बीमारी के बाद आज लगभग पौने तीन बजे 92 साल की उम्र में इस दुनियां से चल बसे, जिससे पूरी इल्मी दुनिया में शोक में डूब गई है, और हर कोई इससे चिंतित है।
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प्राप्त सूचना के अनुसार नमाज़े जनाज़ा आज रात में दस बजे होगी। मौलाना के ख़ास सेवक मौलाना इस्माइल कासिमी ने इस खबर की पुष्टि की। मौलाना मोहम्मद सालिम कासमी दारुल उलूम देवबंद के संस्थापक मुहम्मद कासिम नानौत्वी (रह) के परपोते और पूर्व क्यूरेटर हकीम उल इस्लाम मौलाना कारी मोहम्मद तैयब रहमतुल्ला अलैह के पुत्र थे।
दारूल उलूम वक्फ देवबंद के प्रबंधक, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और इस्लामिक न्यायशास्त्र अकादमी के अभिभावक सहित दसियों संस्था के ज़िम्मेदार व अभिभावक थे। इनको उपमहाद्वीप के लोकप्रिय और प्रतिष्ठित आलिमे दीन में गिना जाता था, इन्होने दसियों केताबें और हजारों लेख आपने लिखे हैं।
मौलाना ने लंबे समय तक दारुल उलूम वक्फ में बुखारी शरीफ बढ़ाया है। आप के शागिर्द हजारों की संख्या में पूरी दुनिया फैले हुए हैं। इनकी मृत्यु की खबर बिजली की तरह पूरी दुनिया में फैल गई है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इसकी मृत्यु को मिल्लते इस्लामिया के लिए एक बड़ा घाटा बता रहे हैं।