आवारा पशुओं के खिलाफ़ परेशान किसानों ने मुहिम छेड़ा, प्रशासन मजबूर!

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या लोगों के साथ प्रशासन के लिए भी मुसीबत बन गई है। बीते कुछ दिनों से स्थानीय प्रशासन ग्रामीण इलाकों के आवारा मवेशियों को सरकारी इमारतों से निकालने के काम में लगा हुआ है।

इन आवारा पशुओं से परेशान और गुस्साए ग्रामीण ही इन्हें आसपास की सरकारी इमारतों – स्कूल और अस्पताल – में पहुंचा रहे हैं। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक गांव के लोगों ने विरोध स्वरूप ऐसा किया है।

इसकी शुरुआत जिले के तमोतिया गांव से हुई जहां कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने 500 आवारा पशुओं को एक प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया. इसके चलते दो दिन स्कूल बंद रहा। सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) समेत कई स्थानीय अधिकारी वहां पहुंचे और मवेशियों को बचाया।

बाद में उन्हें सरकारी गोशालाओं में भेज दिया गया। लेकिन इसके बाद अन्य गांवों के लोगों ने इसे विरोध का जरिया बना लिया। उन्होंने अपने यहां स्थित सरकारों इमारतों में पशुओं को डालना शुरू कर दिया। इनमें अहरौला, इदालपुर, राजीपुर, दतुआ नगरिया, सैपूर और अन्य गांव शामिल हैं।

गांव वालों के इस रुख को लेकर अलीगढ़ के डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा, ‘तमोतिया गांव में हुई घटना के बाद किसानों का पशुओं को सरकारी कार्यालयों में छोड़ आना एक ट्रेंड बनता जा रहा है। ’ रिपोर्ट के मुताबिक इस ‘ट्रेंड’ के तहत गोरई नाम के एक और गांव के किसानों ने 500 आवारा मवेशियों को एक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में बंद कर दिया जिसके बाद केंद्र एक दिन तक बंद रहा. पुलिस ने मंगलवार की शाम को उन्हें वहां से निकाला। लेकिन अगले ही दिन बुधवार को अलग-अलग जगहों से ऐसे करीब एक दर्जन मामले सामने आए।

दरअसल सरकार और गोरक्षा समिति ने गायों की रक्षा को लेकर जो मुहिम चला रखी है, उसके चलते बीते डेढ़ साल में राज्य में आवारा मवेशियों की समस्या बढ़ी है।

मवेशी पालने वालों और किसानों के लिए मवेशियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना जोखिम भरा हो गया है। परिणामस्वरूप, सड़कों पर गोवंश की तादात बढ़ती जा रही है।

किसानों को इससे खासा नुकसान हो रहा है। ये पशु उनके खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए अब किसानों ने इस समस्या का हल निकालते हुए विरोध के तहत गायों को सरकारी कार्यालयों में बंद करना शुरू कर दिया है।

उधर, प्रशासन इस समस्या के लिए गांव वालों को ही दोषी बता रहा है. इगलास (अलीगढ़) के एसडीएम अशोक कुमार शर्मा कहते हैं, ‘गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो वे (किसान) उसे गलियों में छोड़ देते हैं।

इसके चलते इनकी संख्या बढ़ गई है.’ प्रशासन का कहना है कि उसने पिछले तीन दिनों में 12 गोशालाओं में 2,000 मवेशियों को भेजा है। इस पर डीएम चंद्र भूषण ने कहा, ‘लेकिन गोशालाओं की क्षमता सीमित है. हम वहां और मवेशी नहीं भेज सकते। हम गायों के लिए अलग से जगहों का इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन इसमें दो महीनों को समय लगेगा। तब तक किसानों को सहयोग करना चाहिए।

साभार- ‘सत्याग्रह हिन्दी’