लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी कुछ भी करने के लिए तैयार है- फारुक अब्दुल्लाह

फारुक अब्दुल्लाह ने नवजीवन डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी चुनाव जीतन के लिए कुछ भी कर सकती है, किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने बातचीत में कहा कि अभी जम्मू में हालात काबू में हैं। लेकिन इसकी वजह कर्फ्यू है। यह देखना होगा कि कर्फ्यू हटाए जाने और स्कूल-कॉलेज और दूसरे संस्थान खुलने के बाद हालात कैसे रहते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय में खौफ है, जिसे खत्म होने में वक्त लगेगा। मैं उम्मीद करता हूं कि हालात और न बिगड़ें। साथ ही सरकार से उम्मीद है कि वह हालात को काबू में रखना सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इस तरह के हालात बनाए जा रहे हैं और इसमें कोई शक ही नहीं है। बीजेपी किसी भी कीमत पर लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है इसके लिए वह सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने समेत सभी तरह की कोशिश कर रही है। ये लोग कई मुद्दों पर हिंदुओं और मुसलमानों में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं। साफ संकेत हैं कि ये लोग देश में सांप्रदायिक सद्भाव नहीं चाहते।

फारुक अब्दुल्लाह ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस तरह के हालात से निपटने के लिए समझदार भारतीय लोग और नेतृत्व दोनों हैं। वर्ना तो देश पर जबरदस्त खतरा है। मुझे लगता है, भारत को बाहर से नहीं, अंदर से ही गंभीर खतरा है।

पुलवामा हमले पर सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक पाकिस्तान सरकार का सवाल है, मैं सचमुच कुछ नहीं कह सकता कि वो चाहती क्या है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी यहां सक्रिय हैं और पुलवामा जैसे हमले कर रहे हैं। दरअसल यह लोग (जैश-ए-मोहम्मद) आने वाले चुनावों में बीजेपी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।

कश्मीर समस्या समाधान पर कहा कि, देखिए, किसी भी समस्या का राजनीतिक समाधान तब तक नहीं हो सकता है जब तक हम बात नहीं करेंगे। हम सभी मुद्दों पर आपस में बात करें, तभी समाधान निकल सकता है। हम यह नहीं कह सकते कि ये सही समाधान है या कोई और गलत समाधान है। हल तभी निकलेगा जब दिल से बात होगी। लेकिन अगर केंद्र बात ही नहीं करना चाहता और सिर्फ चुनाव जीतना चाहता है, तो कुछ भी नहीं बदलेगा।

आगे कहा कि, जो लोग समझते हैं कि इससे आंतवाद खत्म हो सकता है, वे भुलावे में जी रहे हैं। मैंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में भी यह बात कही थी। मैंने कहा था कि ऐसा सोचना मूर्खता है कि आतंकवाद खत्म हो गया और अब कभी सिर नहीं उठाएगा। कश्मीर में आतंकवाद तभी खत्म हो सकता है जब समस्या का राजनीतिक समाधान निकाला जाए।

सेना को खुली छूट पर उन्होंने कहा कि, वे (मोदी) ऐसी बातें इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि वे खुद कुछ नहीं कर सकते। इसीलिए वह सुरक्षा बलों को खुली छूट देने की बातें कर रहे हैं।

आगे कहा कि आप क्या समझते हैं, कि केंद्र को इसकी फिक्र है। उन्हें इसकी जरा भी परवाह नहीं है। वे सिर्फ लोगों को मूर्ख बनाना जानते हैं ताकि सत्ता में बने रहें।

बातचीत की वकालत पर फारुक अब्दुल्लाह ने कहा कि, मैंने कभी नहीं कहा कि सिर्फ हुर्रियत नेताओं से बात की जाए। सभी से बात होना जरूरी है। मेरा सीधा सवाल है कि जम्मू-कश्मीर के वार्ताकारों की रिपोर्ट को क्यों अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने सबसे बात की थी। उन्होंने निश्चित रूप से कुछ सुझाव दिए होंगे। वे इन सुझावों को क्यों नहीं देखते? वे स्वायत्ता क्यों नहीं देते? हमारी स्वायत्ता संविधान से बाहर नहीं है।

आर्टिकल 35ए पर उन्होंने कहा कि, मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर के लोग किस त्रासदी से दो-चार हैं इसकी समझ सुप्रीम कोर्ट को है। मुझे उम्मीद है कि समझदारी भरा फैसला ही होगा। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट की अपनी मर्यादा है। मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय न्यायाधीशों इस बात को समझते हैं कि धारा 35 हटाने से क्या असर पड़ेगा।

साभार- ‘नवजीवन’