नई दिल्ली: पिछले दिनों झारखंड में प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और शांति व इंसाफ के समर्थक स्वामी अग्निवेश पर भाजपा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के हमले पर पूरा देश हैरत में है। जहाँ एक ओर शांति व न्याय की बात करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की है वहीं दूसरी ओर देश में तेज़ी के साथ फ़ैल रहे हिन्दुत्ववादी जहर के असर को खत्म करने की कोशिशों पर भी जोर दिया है।
Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
स्वामी अग्निवेश के संबंध से बात करते हुए प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने कहा कि अब तक एक खास वर्ग के लोगों को गाय के बहाने निशाना बनाया जा रहा था। मगर कल के घटना से पता होता है कि फासीवाद अपने नये अंदाज़ में सामने आया है। स्वामी अग्निवेश पर नहीं हमला हुआ बल्कि देश के सेकुलर लोकतंत्र के मूल्यों पर यकीन रखने वाले पर हुआ है।
यह मामला बस यहीं तक सिमित नहीं बल्कि यह हमला उस पर हुआ है कि जिनसे भगवा रंग को अब हिन्दू धर्म और संस्कृति को भी बख्शने को तैयार नहीं हैं।