अय्याम अल-बैद : हर महीने इन तारीखों को रोज़े रखने का हुक्म है 

ईद मनाने के बाद अगर आप रख सकते हैं तो अय्याम अल-बैद यानी हर महीने 13,14, और 15 तारीख के रोज़े रखने का हुक्म है, यानि शव्वाल के महीने में 27, 28, 2 9 जून हैं।

ज़रीर बिन अब्दुल्लाह रज़िअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया हर माह में तीन रोज़े रखना हमेशा के (ज़िंदगी भर) रोज़े रखने के बराबर है और अय्याम अल बैद 13, 14, और 15 को हैं (इनको अय्याम अल बैद इसलिए कहते हैं क्यूंकि इन रातो में चाँद की रोशनी एकदम सफेद और साफ़ होती है)।

अबू ज़र रज़िअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अगर तुमको महीने में कभी भी रोजे रखने हो तो 13,14 और 15 तारीख का रोज़ा रखो।

अबू हुरैरा रज़िअल्लाहू अन्हु ने कहा: ‘मेरे करीबी दोस्त [यानी, पैगंबर (सल्ल.] ने मुझे तीन चीजें करने की सलाह दी जिन्हें मैं मरने तक करूंगा और वो हैं, हर महीने तीन दिन रोजा, दुआ करना और रात को सोने से पहले वित्र नमाज अदा करना।

अल्लाह के पैगंबर (सल्ल.) ने कहा, क्या मैं आपको कुछ ऐसा नहीं बताऊं जो दिल की बुराई को दूर करे और वो है अय्याम अल-बैद यानी हर महीने के तीन रोजे।