मेरठ। भगवदगीता का पठन करने पर 15 वर्षीय छात्र आलिया खान के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। देवबंद के दारूल-उलूम द्वारा गुरुवार को फतवा जारी किया गया जिसमें गीता का श्लोक पढ़ना इस्लाम के खिलाफ बताया गया है और साथ ही कृष्ण के वेश वाले कपड़ों को पहनने को गलत बताया है।
आलिया ने ऐसी वेशभूषा में ही उस कार्यक्रम में भगवदगीता का पठन कर दूसरा स्थान पाया था। इस फतवे पर आलिया ने कहा है कि मैंने इस प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है, अपना धर्म नहीं बदल लिया है। इस्लाम इतना कमजोर नहीं है कि हम इसकी पढ़ाई और विशेष प्रकार की पोशाक पहनने के लिए खारिज कर देगा।
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने एक प्रतियोगिता के भाग के रूप में कृष्ण के रूप में लेकर गीता का पाठ किया। उन्होंने फतवा जारी कर दिया। कक्षा 10 की छात्र ने उनके प्रइस दर्शन के लिए दूसरा पुरस्कार मिला और उन्हें 25,000 नकद पुरस्कार भी दिया गया।
यह समारोह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 101 साल के स्वतंत्र लखनऊ समझौते के स्वतंत्रता संग्राम के लिए आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक पर आधारित था।
इस कार्यक्रम में राज्य के राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ ही तिलक के कुछ रिश्तेदारों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 11 विभिन्न क्षेत्रों के 150 से अधिक छात्र भाग ले चुके हैं। हाल ही में दारूल उलूम देवबंद ने डिजाइनर बुर्कों पर भी फतवा जारी किया था।