बच्ची से रेप मामला- मोब लिंचिंग के डर से गुजरात छोड़ रहे यूपी बिहार के लोग, हालात तनावपूर्ण

गुजरात में बलात्कार की एक घटना ने ग़ैर-गुजरातियों के लिए हालात मुश्किल कर दिए हैं.

साबरकांठा ज़िले में एक ग़ैर-गुजराती को 14 महीने की बच्ची के बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद वहां स्थानीय लोगों में उत्तर भारत से आकर रह रहे लोगों के लिए ग़ुस्सा बढ़ रहा है. ज़िले के हिम्मतनगर में रह रहे बाहरी मज़दूरों को शहर छोड़ने की धमकियां दी जा रही हैं.

पुलिस के मुताबिक, इस घटना के बाद बाहरियों पर हमले की 18 घटनाएं हो चुकी हैं. साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में रह रहे बाहरी मज़दूरों में डर का माहौल है और ये डर पास के ज़िलों में भी फैल रहा है. लोग अपने घर छोड़कर जा रहे हैं.

अधिकारियों का कहना है कि व्हॉट्सएप और सोशल मीडिया के दूसरे माध्यमों पर धमकी भरे संदेश फैलाए गए हैं और उसकी वजह से ऐसा माहौल बना है.

गुजरात पुलिस ने गिरफ़्तारी और गश्त बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन लोग पुलिस की कोशिशों को नाकाफ़ी बता रहे हैं.

कांग्रेस नेता और क्षत्रिय ठाकोर सेना अल्पेश ठाकोर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

28 सितंबर को साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर के ढुंढर गांव में 14 महीने की एक बच्ची से बलात्कार किया गया था. इस मामले में 19 साल के एक फैक्ट्री मज़दूर रवींद्र गोंडे को गिरफ़्तार किया गया है.

रवींद्र जिस फैक्ट्री में काम करता था, उसी के सामने छोटी सी दुकान पर चाय-नाश्ता करने जाता था. पुलिस के मुताबिक, उसी दुकान के पास सो रही बच्ची को खेतों में ले जाकर रवींद्र ने बलात्कार किया और फिर फ़रार हो गया.

बच्ची का अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. राजेंद्र जोशी ने बताया, “काफ़ी ख़ून बह जाने से बच्ची की स्थिति नाज़ुक थी लेकिन अब वह ख़तरे से बाहर है.”

बच्ची के दादा अमर सिंह (बदला हुआ नाम) का कहना है, “हमारे घर पर पर तो विपदा आ गई है. मेरी पोती के साथ ऐसा हुआ. उसके बाद पुलिस ने सुरक्षा कारणों से हमारी दुकान बंद करवा दी. कमाई बंद हो गई है. दो वक़्त के खाने की भी दिक्कत है.”

अभियुक्त रवींद्र गोंडे की गिरफ़्तारी के बाद ये मुद्दा ‘गुजराती बनाम बाहरी’ में तब्दील हो गया है. इसमें बड़ा योगदान है सोशल मीडिया पर नफ़रत भरे संदेशों का.

इस इलाक़े में क़रीब सवा लाख बाहरी लोग रहते हैं. अब तक बाहरी लोगों पर हमले की 18 घटनाएं हो चुकी हैं जिसके चलते बाहरी लोग अपना घर छोड़कर जा रहे हैं.

हिम्मतनगर के शक्तिनगर इलाके में किराए के मकानों में बड़ी तादाद में बाहरी लोग रहते थे. यहां कई घरों में ताला पड़ा है.

कुछ बंद घरों के बाहर अब भी कपड़े सूख रहे हैं. लोग अपने टीवी, रेफ्रिजरेटर जैसी चीज़ें बहुत कम दामों में बेचकर जा रहे हैं.

साइबर सेल ने अब तक 180 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. अहमदाबाद और उसके पड़ोसी जिलों में गैर गुजराती सालों से रह रहे थे, उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई.

लेकिन अब भीड़ के हमलों से खुद को बचाने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है. अधिकतर मामलों में तो मकान मालिक ही उन्हें जाने को कह रहे हैं. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि अहमदाबाद, गांधीनगर, साबरकांठा, पटान और मेहसाना से लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग इन जगहों पर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे थे.