फीफा ने जब इसी साल जुलाई में अंडर-17 वर्ल्ड कप के भारत के मैचों को नवी मुंबई के बजाय दिल्ली कराने का फैसला किया था, तब आशंका होने लगी थी कि कहीं मेजबान टीम को बेहद कम दर्शकों की मौजूदगी में अपने मैच न खेलना पड़े। इसका कारण राजधानी दिल्ली में फुटबॉल प्रेमियों की संख्या कम होना है।
केंद्रीय खेल मंत्रालय के दबाव के बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) की ओर से यह फैसला लिया गया था। इस मेगा फुटबॉल इवेंट के शुरू होने से पहले गुरुवार तक फीफा की ओर से भारत और अमेरिका के बीच दिल्ली में होने वाले मैच के बिके टिकटों की संख्या जारी नहीं की गई। इससे यह समझा जा सकता है कि मैच के ज्यादा टिकट नहीं बिके। फीफा ने सीटों पर डिस्काउंट भी दिया था। नॉर्थ, साउथ और ईस्ट स्टैंड में कैटेगरी 3 की सीट 150 रुपये में जबकि वेस्ट स्टैंड में कैटेगरी 2 की सीट 300 रुपये में उपलब्ध कराई गई थी। वेस्ट स्टैंड में कैटेगरी 1 की सीट का टिकट 600 रुपये में फीफा ने दिया।
इसी के चलते भारत सरकार ने फीफा की स्थानीय आयोजन समिति (LOC) के साथ मिलकर योजना बनाई कि स्टेडियम में 27 हजार स्कूली बच्चों को बुलाया जाए। LOC के एक प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के करीब 500 स्कूलों में 27 हजार टिकट बांटे गए हैं। हम स्कूली बच्चों को मौका दे रहे हैं कि वे अपने पसंदीदा फुटबॉल स्टार को लाइव ऐक्शन में देख सकें। जेएलएन स्टेडियम की दर्शक क्षमता करीब 56 हजार है। यदि राजधानी दिल्ली में होने वाले मैच के लिए टिकट बिना बिके रहते हैं तो अन्य आयोजन स्थलों पर स्थिति इसके मुकाबले बेहतर रह सकती है।