तारिक़ फतेह के खिलाफ FIR दर्ज

सहारनपुर: पाकिस्तानी भगोड़े तारिक फतेह के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की गयी है। रविवार की शाम को बुलंदशहर के खुर्जा की जामा मस्जिद के ईमाम और खतीब मौलाना ख़ालिद साहब काज़मी क़ाज़ी के कहने पर जिलाधिकारी ने खुर्जा थाने के प्रमुख को तारिक फतेह के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ करने का आदेश दिया है।

सोशल मीडिया के साथ इस सिलसिले में पिछले दिनों देवबंद, मुंबई, मालियर कोटला, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर सहित विभिन्न स्थानों पर तारिक फतेह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।

साथ ही इसी शुक्रवार को मौलाना खालिद साहब और मौलाना शाहिद साहब के नेतृत्व में सैकड़ों मुसलमानों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्रवाई की अपील की थी जिला प्रशासन ने जांच के लिए मोहलत मांगी थी।

आपको बता दें की पाकिस्तानी भगोड़े तारिक फतेह के खिलाफ इन दिनों पूरे देश में आक्रोश का वातावरण है। देश भर के युवा ज़ी न्यूज़ के विवादास्पद कार्यक्रम “फतेह का फतवा” के खिलाफ आक्रोश में हैं।

खुर्जा के इंस्पेक्टर ने तारिक फतेह के खिलाफ सांप्रदायिक दंगा भड़काने, सौहार्द को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में धारा 153A 195 A 298,500,505,504,120B के तहत FIR दर्ज की है। FIR नंबर 0192 में ज़ी न्यूज़ पर आरोप लगाया है कि यह चैनल एक पाकिस्तानी भगोड़े को हमारे देश में शरण देकर सस्ती टी.आर.पी की चाह में देश की गंगा जमुनी तहजीब को और एक समुदाय के धार्मिक, ऐतिहासिक और सामाजिक भावनाओं को चोट पहुंचा रहा है।

साथ ही इस कार्यक्रम से देश के 125 करोड़ वासियों के बीच एक खाई पैदा होती जा रही है। निश्चित रूप से देश की एकता और शांति के लिए जहर है। इसलिए तुरंत तारिक फतेह को गिरफ्तार किया जाए और ज़ी न्यूज़ के लाईसेंस को रद्द किया जाए।

आपको बता दें की तारिक फतह ज़ी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम फतेह का फतवा में भारत के मुसलमानों के खिलाफ ज़ेहर उगलने का काम करते हैं। ऐसा माना जाता है की फतेह को विदेशी शक्तियों द्वारा हमारे देश के लोकतंत्र को दागदार करने के लिए नियुक्त किया गया है।

लेकिन हैरत की बात है की ऐसे इंसान को हमारे ही देश के चैनल ज़ी न्यूज़ ने शरण दे रखी है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर एक जबरदस्त अभियान चल रही है जिसमें प्रमुख इस्लामी स्कॉलर मुफ्ती यासिर नदीम अल वाजदी,मेहदी हसन एैनी और उनके सहयोगी लम्बे समय से डटे हुए हैं और तारिक फतेह और उसके चेलों की सारी झूठी बातों का जवाब दे रहे हैं।

इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस सिलसिले में नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।