देश में फैलते नफरत की आग को मुसलमान मोहब्बत के पानी से बुझाये- ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी

देश में नफरत का वातावरण तेजी से परवान चढ़ रहा है और मुसलमानों के प्रति जो साजिशें रची जा रही हैं। इस वातावरण में नफरत का मुकाबला नफरत से नहीं किया जा सकता। बल्कि प्यार मोहब्बत के पानी से बुझाने का प्रयास करें।

और आपसी भाईचारे की बुनियाद पर मुल्क के प्रदूषित फिज़ा को बदलने का प्रयास करें, देशवासियों को यह समझाने की ज़रूरत है कि कुर्आन शरीफ किसी खास तबक़ा के लिए नाज़िल नहीं किया गया, बल्कि पूरी इंसानियत की कामयाबी के लिए इसको अवतरित किया गया।

और आखरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलेहे वसल्लम पूरी कायनात के लिए रहमत बनकर तशरीफ़ लाए, और आपने अच्छे स्वभाव से सौहार्दपूर्ण माहौल स्थापित किया।

उक्त बातें मदरसा अशरफुल उलूम के शताब्दी समारोह में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कही,और बताया कि जो लोग भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की साजिश में लगे हुए वह जान लें कि गंगा जमुनी तहज़ीब भारत की शान है , इसलिए उनका सपना कभी साकार नहीं हो सकता, और देश के संविधान और जम्हूरी निजाम पर हम पूरा विश्वास रखते हैं।

जबकि मौलाना अब्दुल रशीद मोजाहिरी, शेखुल हदीस मदरसा बैतूल उलूम सरायमीर आजमगढ़ यूपी ने इस अवसर पर कहां इस वक्त सरकारी स्तर पर मुसलमानों को अपने मज़हबी उसूलों से दूर करने की रणनीति बनाई जा रही है वह निहायत खतरनाक है।

सूफी संतों के पवित्र धरती पर भारत सरकार का यह रवैया अति चिंताजनक है। वंदे मातरम या सूर्य नमस्कार की मुहिम इसी सिलसिले की कड़ी है , देश की आजादीे से पूर्व और आजादी के बाद फिर्क़ा परस्त ताक़तों ने हमेशा मुसलमानों को मानसिक रूप से कमजोर करने का प्रयास किया है, और हमेशा अपने मार्गदर्शन से भटकाने की कोशिश की गई है, इसलिए समय के अनुसार अपने बच्चों को इस्लामी शिक्षा के साथ उच्च स्तरीय शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास जरूरी है।

इस अवसर पर मौलाना खालिद ग़ाज़ीपुरी ,मौलाना सुफियान कासमी मौलाना फारुक नदवी, मौलाना उमर आबेदीन ,पूर्व सांसद डाँ० शकील अहमद,चंद्र ठाकुर ने समारोह से खिताब किया।

बिहार, मोतिहारी से अनीसुर्रहमान चिश्ती की रिपोर्ट