कमरे में आग लगने से रेस्टोरेंट के कर्मचारी की मौत

इलाहाबाद: मेडिकल चौराहा के निकट महारानी जायका रेस्टोरेंट के पीछे मोहल्ले में स्थित बेहद संकरे मकान में रविवार सुबह आग भड़क उठी। इस मकान में रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को ठहराया गया है। घटना के वक्त एक कर्मचारी रुपेश मिश्रा कमरे में सो रहा था, जिसकी जलकर मौत हो गई। मकान के सभी चार तल के कमरों में रखा सामान जल गया। दमकल दस्ते ने मोहल्ले वालों की मदद से आग पर काबू पाया, लेकिन जान-माल का काफी नुकसान हो गया। मेडिकल चौराहा से कुछ ही दूरी पर यह रेस्टोरेंट है। करीब पांच साल पहले रेस्टोरेंट के पीछे मोहल्ले की एक गली में बेहद संकरी जमीन पर कर्मचारियों के रहने के लिए चार मंजिला मकान बना दिया गया। मौजूदा समय में उसमें 15-16 कर्मचारी ठहरते थे। ज्यादातर कर्मचारी दूसरे जिलों के अलावा बिहार से आए हैं। रविवार सुबह करीब दस बजे एक कर्मचारी रुपेश मिश्रा पहले तल के कमरे में सो रहा था। बाकी कर्मचारी रेस्टोरेंट चले गए थे। तभी पड़ोसियों ने घर से धुआं निकलते देखा। शोर मचा तो भीड़ लग गई। रेस्टोरेंट से बाकी कर्मचारी भी आ गए। तब तक मकान के दरवाजे तक घना धुआं हो गया था, जिसकी वजह से भीतर घुसना मुश्किल था। खबर पाकर जार्जटाउन पुलिस के साथ दमकल दस्ता भी आ गया। मोहल्ले वाले भी आग बुझाने में मदद करने लगे। घर के भीतर जाने में दमकल दस्ते को भी भारी मुसीबत झेलनी पड़ी। वजह ये कि बेहद कम जगह में बने मकान में एक के ऊपर एक कोठरियां बनी थीं। घने धुएं और लपटों के बीच करीब दो घंटे में आग बुझा ली गई, मगर पहली मंजिल के कमरे में सोए रुपेश की जलकर मौत हो गई। निचले तल से लेकर चौथी मंजिल तक कमरों में रखा बिस्तर समेत सब कुछ स्वाहा हो गया। वायरिंग समेत पंखे, बेड, कर्मचारियों के कपड़े, पैसे सब खाक हो गए। पुलिस ने रूपेश का शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। वह बिहार में मोतिहारी जनपद का रहने वाला था। उसके घरवालों को फोन से खबर दी गई। पता चला कि रूपेश करीब साल भर पहले इस रेस्टोरेंट में हेल्पर का काम करने आया था। घटना की जानकारी पाकर पहुंची जार्जटाउन पुलिस और दमकल दस्ते के लोग अग्निकांड का शिकार हुए मकान को देख स्तब्ध रह गए। उसे मकान कहना भी ठीक नहीं होगा। सामने का हिस्सा बमुश्किल ढाई फुट। वहीं दरवाजा था। उसके भीतर करीब 15 फुट तक सुरंग जैसा गलियारा फिर एक छोटा सा कमरा, उसके ऊपर चार मंजिल तक सीढ़ी और मुर्गी के दड़बे जैसे कमरे। आलम यह था कि भयानक आंच और संकरी जगह की वजह से पुलिसवाले अंदर जाने से घबरा रहे थे। मोहल्ले वालों ने बताया कि यह मकान पांच साल पहले रेस्टोरेंट संचालक ने बनाया तभी ऐतराज किया गया था। पहले उस स्थान पर एक बुजुर्ग महिला रहती थी। उसके निधन के बाद यह मकान बनाकर उसमें कर्मचारियों को ठहरा दिया गया। एडीए के इंजीनियर और निरीक्षक ने भी इस पर रोक नहीं लगाई। इस बारे में जार्जटाउन थानाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि मकान निश्चित तौर पर गलत ढंग से बना है। इस पर एडीए के अफसरों को ध्यान देना चाहिए।