VIDEO: फाइटर प्लेन उड़ाने वाली देश की पहली महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी, जिसने अकेले उड़ाने का रचा इतिहास

इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर इतिहास रच दिया है. वह फाइटर प्लेन को अकेले उड़ाने वाली देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गयी हैं.

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मध्यप्रदेश में जन्मी देश की इस जांबाज बेटी ने का जन्म 27 अक्तूबर, 1993 को हुआ था. उनके पिता दिनकर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं. मां हाउसवाइफ और बड़े भाई आर्मी ऑफिसर हैं.
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बचपन से ही आर्मी की बातों में दिलचस्पी रखने वाली अवनी इस सेक्‍टर की हर चीज के बारे में काफी बारीकी से जानने की कोश‍िश करती थी. अवनी को किसी खतरे से डर नहीं लगता. हर परिस्थिति का सामना करने के लिए वह तैयार रहती है.

18 जून, 2016 को महिला फाइटर पायलट बनने के लिए पहली बार तीन महिलाओं अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना कंठ को वायुसेना में कमीशन किया गया था.

अवनी के साथ बाकी दोनों महिला पायलटों को भी लड़ाकू विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में महिलाओं को फाइटर पायलट में शामिल करने का फैसला किया था.

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अवनी को फ्लाइंग क्लब में विमान में उड़ने का मौका मिला. विमान में उड़ान भरने के रोमांच ने उनके मन में पायलट बनने का जोश भर दिया. उन्होंने तय कर लिया कि वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगी.

वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन मिलने पर अवनी ने कहा था, ‘हर किसी का सपना होता है कि वह उड़ान भरे. अगर आप आसमान की ओर देखते हैं, तो पंछी की तरह उड़ने का मन करता है. आवाज की स्पीड में उड़ना एक सपना होता है और अगर ये मौका मिलता है, तो एक सपना पूरे होने के सरीखा है.’

चेस, टेबल टेनिस खेलने के अलावा स्केचिंग और पेंटिंग में दिलचस्पी रखने वाली अवनी का कहना है कि उन्हें अपने सपने को पूरा करने में परिवार के सभी सदस्यों का भरपूर समर्थन मिला. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि ‘मिग-21 बाइसन’ सबसे ज्यादा लैंडिंग और टेक-ऑफ स्पीड के लिए जाना जाता है.