UP: मॉब लिंचिंग रोकने के लिए जिलों में बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स

डीजीपी ओपी सिंह ने भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा एवं हत्या (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं को रोकने के लिए सभी पुलिस कप्तानों को नोडल अधिकारी नामित किया है। इसके साथ ही उन्हें इस कार्य के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश भी दिया गया है।
उन्होंने कहा है कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं जघन्य अपराध हैं। गलत अवधारणाओं के आधार पर व्यक्तियों के किसी समूह अथवा भीड़ द्वारा कानून का स्वयं पालन कराए जाने के नाम पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध हिंसात्मक कार्रवाई करना कानून के तहत पूर्णतया अक्षम्य एवं दण्डनीय अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2018 के अपने एक फैसले में मॉब लिंचिंग की रोकथाम एवं ऐसी घटनाओं की विवेचनाओं के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। डीजीपी ने कहा है कि जिलों में नोडल अधिकारी की सहायता के लिए सभी जिलों में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के एक अधिकारी होंगे, जो मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
इसके अलावा नोडल अधिकारी द्वारा एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा जो ऐसे व्यक्तियों के विषय में खुफिया सूचनाएं एकत्र करेगा, जिनके बारे में ऐसी संभावना हो कि वे इस प्रकार की घटनाएं करने वाले हैं अथवा ऐसी घटनाओं के लिए उकसाने वाले भाषण तथा अफवाहों या भ्रामक सूचनाओं के प्रचार-प्रसार में संलिप्त हैं।
डीजीपी ने नोडल अधिकारियों को जिलों में ऐसे गांवों, कस्बों, मजरों व मोहल्लों को चिह्नित कराने को कहा है जहां पिछले पांच वर्षों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हों। उन्होंने कहा है कि इसका  एक समान प्रारूप में थानावारअभिलेखीकरण किया जाए तथा संबंधित थानाध्यक्ष को सजग रहने के लिए निर्देशित किया जाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से इस प्रकार की आपत्तिजनक सूचनाएं प्रसारित करने तथा ऐसी प्रवृत्तियों को उत्तेजित करने के लिए अन्य साधनों की रोकथाम के लिए भी जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।