फ़र्ज़ी नौकरी के प्रस्ताव के बाद पांच भारतीय युवा, जो पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के हैं, दुबई में फंसे हुए हैं। यह मस्जिदों में रह रहे हैं और तीन दिन तक भोजन या पानी के बिना सड़कों पर घूम रहे हैं।
उनकी इस हालत को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय वाणिज्य दूतावास के ध्यान में लाया गया है। वाणिज्य दूतावास ने कहा कि उन्हें भारत भेजा जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में दुबई में आने वाले युवाओं को 1,200 दिरहम वेतन और आवास सुविधाओं के साथ नौकरियों का वादा किया गया था। यह मजदूर मुंबई और नई दिल्ली के एजेंट के माध्यम से यहां आये थे।
इनमें से एक पश्चिम बंगाल के मूल निवासी मोहम्मद मिलन मुंडाल (25) ने खलीज टाइम्स को बताया, ‘जब हम कंपनी के पास गए, तो हमें एहसास हुआ कि हमें केवल 800 दिरहैम का भुगतान किया जा रहा है। इसमें खाद्य और आवास लागत भी शामिल नहीं था। कोई ओवरटाइम भुगतान भी नहीं दिया गया।
इसके अलावा, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि धोखाधड़ी भर्ती एजेंटों के मामले में श्रमिकों को दुबई में लाने और उन्हें छोड़ने के मामलों में वृद्धि हुई है।
इंडियन कंसुलेट की सामुदायिक कल्याण टीम के सदस्य गिरीश पंत ने कहा कि भारत में ट्रैवल एजेंटों को पृष्ठभूमि सत्यापन के बिना श्रमिकों को वीजा जारी करने से हतोत्साहित किया जाना चाहिए।
पंत ने कहा कि हाल के दिनों में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है। वह शारजाह में इंडियन एसोसिएशन के साथ मिलकर इन पांच श्रमिकों की मदद कर रहा है।