मोदी सरकार में रेल यात्रियों की ज़िन्दगी से खेल रहा है रेलवे, ट्रेन में मिलने वाला खाना इंसानों के लायक नहीं: कैग

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में अधिक किराए का भुगतान करने के बावजूद यात्रियों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। बेहतर सुविधाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा किराया भुगतान करने वाले यात्रियों को रेल की बद से बदतर हालत से हर रोज दो चार होना पड़ रहा है। इस बात की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट ने भी कर दी है।

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संसद में पेश सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे में दिया जाने वाला खाना इंसानों के खाने के लायक नहीं है। सीएजी ने रेलवे में यात्रियों के खाने-पीने को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं। आडिट में पाया गया है कि रेलवे खाद्य नीति में लगातार परिवर्तन के कारण यात्रियों को ज्यादा परेशानियां हो रही हैं। इसलिए रेलवे की खाद्य नीति यात्रियों के लिए हमेशा एक सवाल बरकरार रहती है। सीएजी की रिपोर्ट से पता चला है कि स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्वच्छ चीजों का उपयोग नहीं किया जाता है।

खाने-पीने की तैयारी के दौरान सफाई का ख्याल नहीं रखा जाता है। इससे रेलवे की खुद तय की गई सफाई से संबंधित नीतियों का उल्लंघन होता है। खाना या अन्य सामान लेने के बाद ग्राहक को बिल नहीं दिया जाता है।

रेलवे और सीएजी की संयुक्त टीम ने निर्वाचित 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों में निरीक्षण किया। इस दौरान परीक्षक ने पाया कि खाना बनाने और परोसने में स्वच्छता का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा जाता है। खाना बनाने के लिए गंदा पानी का उपयोग किया जा रहा है। वहीं डस्टबिन ढका हुआ नहीं पाया गया और पूरी तरह से साफ नहीं होता है। खाने को मक्खी, कीड़े, चूहे और कोकरोच से बचाने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है।