हैदराबाद: अभिनेता से घरेलू खानसामा बने महाराज दिनेश पुरुषोत्तम रमजान हलीम के बारे में विचारों को चुनौतीपूर्ण चुनौती दे रहे हैं। 69 वर्षीय पुरुषोत्तम कहते हैं कि उनके द्वारा घर में पकाये गए शाकाहारी हलीम को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।
उनका कहना था कि मैंने मटन को छोड़कर हलीम का शाकाहारी संस्करण इसके बीच स्वाद में अंतर खोजने के लिए बनाकर खुली चुनौती दे दी। दूसरे दिन, एक महिला इस पकवान से इतनी प्रभावित हुई कि वह अपने पति के लिए घर ले लेकिन उसे नहीं बताया कि यह हलीम था।
पुरूषोत्तम बताया कि उस महिला ने मुझे यह बताने के लिए बुलाया कि उसके पति ने सोचा था कि यह एक आम मटन हलीम था लेकिन वह यह जानकर चौंक गया कि यह शाकाहारी था जिसको शहर में डिपी नाम से जाना जाता है।
मैंने यह नाम इसलिए चुना क्योंकि इसके पकवान के लिए एक दर्जन से अधिक विदेशी मसालों को चुना था। इन मसालों का इस्तेमाल शाही रसोई में किया जाता है और वे किसी भी व्यंजन को अविस्मरणीय बनाते हैं। इसको बनाने में लगभग चार घंटे लगते हैं।
सोशल मीडिया और ज़ोमैटो जैसे खाद्य ऐप पर ‘डिपीस किचन’ के रूप में प्रचारित किया जाने वाला उनका यह ब्रांड प्रतिदिन शाम को हलीम की दर्जनों प्लेट बेच रहा है। उनका कहना था कि, “मैं अकेला रहता हूं और अकेला पकाता हूं।
मुंबई में, मैंने 15 साल तक काम किया। हिंदी, गुजराती और मराठी सिनेमा में 100 से अधिक भूमिका निभाई। लेकिन मुझे हमेशा खाना पकाने से लगाव था और शाकाहारी रहा हूं। मैं यह मानने से इनकार करता हूं कि मांसाहारी व्यंजनों को शाकाहारी व्यंजनों में नहीं बनाया जा सकता है।
2000 में राम गोपाल वर्मा के साथ अपना अभिनय करियर शुरू करने वाले पुरुषोत्तम, 2015 में अपनी बेटी के करीब रहने के लिए शहर चले गए। उनका कहना है कि वह जल्द ही शहर के गुजराती थिएटर बिरादरी में शामिल हो सकते हैं।