समाज में असहिष्णुता निश्चित तौर से बढ़ रही है लेकिन यह ज्यादा वक़्त तक नहीं टिकेगी: पूर्व सीईसी एस वाई कुरैशी

पूर्व सीईसी एस. वाई. कुरैशी ने देश के मौजूदा हालात पर ये कहा है कि समाज में असहिष्णुता निश्चित तौर से बढ़ रही है लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी।

भारत एक सेक्युलर देश है और इस देश में ज्यादातर हिन्दू सेक्युलर हैं। कुरैशी ने इस बात पर भी जोर दिया कि नफरत फैलाने वाली बातों की उम्र बहुत लंबी नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों से देश में असहिष्णुता सच में बढ़ रही है। लेकिन यह नफरत की बातें, मेरे हिसाब से कुछ वक़्त के लिए ही हैं। ये आकर चली जाएंगी।

उन्होंने कहा, “जो भी कहा सुना जाए, भारत में मुसलमानों की स्थिति कई मुस्लिम देशों से भी बेहतर है।” यह पूछे जाने पर कि क्या अशिक्षित मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा विभाजनकारी और सांप्रदायिक एजेंडे से परे जाकर मूलभूत मुद्दों पर चुनाव लड़ने की राह में एक चुनौती है?

कुरैशी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अशिक्षा का मतलब यह है कि मतदाता को जानकारी नहीं है। हम सौ फीसदी साक्षरता हासिल कर लें, तो यह बहुत बेहतर लेकिन जब तक ऐसा न हो तब तक का मतलब ये नहीं है कि हमारा लोकतंत्र किसी काम का नहीं है।

अशिक्षित मतदाता भी अपने हितों को जानता है। उन्होंने कहा कि उनकी नजर में वास्तविक अशिक्षित तो वे हैं जो एमए, पीएचडी होने के बावजूद वोट देने नहीं निकलते और इस पर बजाए शर्मिंदा होने के इसे लेकर शेखी बघारते हैं।