इमरान खान की लीडरशिप में हम एक नया पाकिस्तान चाहते हैं- वसीम अकरम

चंद दिनों में पाकिस्तान की राजनीतिक पिच पर संघ और प्रांतों का चुनावी मुकाबला खेला जाना है. इस चुनावी मुकाबले में पाकिस्तान को क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान इमरान खान, अपनी राजनीतिक टीम तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के साथ न सिर्फ मैदान में हैं बल्कि संघ और प्रांतों का टूर्नामेंट जीतने के प्रबल दावेदार भी हैं. पाकिस्तान की चुनावी पिच पर इमरान खान को जिताने के लिए पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने उनकी टीम के लिए जमकर गेंदबाजी की है. बता दें कि स्विंग गेंदबाजी के असली सुल्तान माने जाने वाले वसीम अकरम का क्रिकेट करियर इमरान खान की कप्तानी में ही संवरा है. क्रिकेट के मैदान पर वो अपने कप्तान इमरान खान के लिए कई बार ट्रंप कार्ड बने और मुश्किल परिस्थितियों में विकेट निकालकर दिए. और, अब राजनीतिक पिच पर भी वो अपने फेवरेट कप्तान के लिए कुछ ऐसा ही करते दिखे हैं.

इमरान खान के लिए अकरम ने की ‘गेंदबाजी’

वसीम अकरम ने सोशल मीडिया पर इमरान खान और उनकी राजनीतिक टीम तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की जीत के लिए ‘गेंदबाजी’ की. अकरम ने ट्वीट किया, ” आपकी कप्तानी में हम 1992 में क्रिकेट के वर्ल्ड चैम्पियन बने और अब आप ही की लीडरशिप में हम एक नया पाकिस्तान चाहते हैं.”

राजनीतिक पिच पर 1996 में डेब्यू

क्रिकेट का मैदान छोड़ने के बाद इमरान खान 1996 में पहली बार राजनीति की पिच पर उतरे . इस पिच पर शुरुआती मुकाबले में उन्हें एक के बाद एक हार सो दो-चार होना पड़ा. पाकिस्तान की पॉलटिक्स में इमरान खान पहली बार तब चर्चा में आए जब साल 2013 में उन्होंने तत्कालीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा जमकर उछाला. इसके बाद अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बॉर्डर एरिया में यूएस ड्रोन हमलों का विरोध कर वो और भी सुर्खियों में आ गए.

राजनीति मेें भी बदला नहीं क्रिकेट वाला मिजाज

क्रिकेट के मैदान पर मुकाबला खेलते वक्त इमरान खान की छवि एक एग्रेसिव कप्तान की रही है और उनका ये अंदाज राजनीतिक पिच पर भी बदला नहीं है. यही वजह है कि संघ और प्रांतों के चुनावी मुकाबले में जनता से वोट डालने की अपील करने के दौरान जब वो थोड़े स्लेजिंग पर उतर आए यानी कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल शुरू किया तो मैच रेफरी बने चुनाव आयोग ने उन्हें वार्निंग देने में देर नहीं की. बेशक, इससे उनके गेम में फेयर बने रहने पर सवाल उठे होंगे लेकिन उनकी दावेदारी पर कितना फर्क पड़ता है देखना दिलचस्प होगा.