सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनाव आयोग ने माना, एक प्रत्याशी के दो सीटों पर चुनाव लड़ना गलत

नई दिल्ली: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की बेंच ने एक प्रत्याशी के दो जगहों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई किया। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट के समक्ष यह स्वीकार किया कि एक उम्मीदवार के दो सीटों से चुनाव लड़ना गलत है। चुनाव आयोग ने यह भी माना माना कि ऐसे प्रवृत्ति पर अंकुश लगाए जाने की जरूरत है।

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सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक उम्मीदवार को दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। आयोग ने कहा कि एक उम्मीदवार जब दो जगहों से जीतता है और बाद में एक सीट से इस्तीफा देता है तो उस सीट पर दोबारा चुनाव कराने होते हैं। इससे खर्च का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। 2004 और 2016 में इस बारे में प्रस्ताव दिया गया था।

बता दें कि याचिका में कहा गया है कि केंद्र और निर्वाचन आयोग को लोगों को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने से रोकने के लिये उचित कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं। संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिए गठित आयोग के सुझाव के अनुसार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव लडने के प्रति हतोत्साहित करने के लिये भी उचित कदम उठाये जायें।

वही प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि याचिका की प्रति अटार्नी जनरल को दी जाए ताकि वह इस मामले में मदद कर सकें। बता दें कि अदालत इस मामले की सुनवाई अब तीन हफ्ते बाद करेगी।