पूर्णिया: ज़िला के कार्यपालक सहायकों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। कार्यपालक सहायकों ने तीसरे दिन मानव श्रृंखला बनाकर बिहार सरकार के श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। इस विरोध में जिला इकाई के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव और मीडिया प्रभारी सहित सैंकड़ों लोग शामिल थे।
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बता दें कि जिला के विभिन्न विभागों के कार्य प्रभावित होने पर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। खबर के अनुसार जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया है कि अगर 48 घंटे के अंदर कार्यपालक सहायक काम पर नहीं लौटे तो बाध्य होकर जिला प्रशासन उनकी संविदा सेवा समाप्त करते हुए उनके स्थान पर जिलास्तरीय पैनल से कार्यपालक सहायकों का नियोजन करेगा।
इस अल्टीमेटम के बावजूद कार्यपालक सहायक काम पर नहीं लौटे हैं। संघ के पूर्णियां इकाई के अध्यक्ष मुन्ना पासवान के मुताबिक कार्यपालक सहायक किसी भी कीमत पर अपंजी जायज़ मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार और प्रशासन फैसला लेने के लिए आज़ाद है।
अध्यक्ष मुन्ना पासवान ने कहा कि मंगलवार को बीपीएसएम और राज्य संघ के पदाधिकारियों द्वारा वार्ता का आयोजन किया गया, जो पूरी तरह विफल रहा। इस बीच बिहार लोक सेवा अधिनियम, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम, कृषि विभाग, मनरेगा, बिजली विभाग, लोहिया स्वच्छता अभियान, आईसीडीएस, समाज कल्याण विभाग का कार्य पूरी तरह ठप रहा।
इनकी जायज़ मांगें यह हैं:
1. कार्य से हटाए गए कार्यपालक सहायकों का पुनर्नियोजन और समायोजन की मांग के साथ उनके कार्य अनुभव के आधार पर सबसे उपर नियोजन किया जाए।
2. सेवा स्थायी/ नियमितीकरण होने तक कार्यपालक सहायकों को सेवा अवधि विस्तार ही बार में 60 वर्ष की उम्र तक कर दी जाए।
3. सेवा नियमितीकरण/ स्थायीकरण होने तक मानदेय के विसंगति को दूर कर मानदेय का निर्धारण तत्काल प्रभाव से समान्य प्रशासन विभाग के संकल्प 2401 दिनांक 18-01-2007 के कंडिका-4 के आलोक में सातवें वेतनमान पुनरीक्षण के अनुरूप निर्धारित किया जाये।
संघ द्वारा कई बार अपनी मांगों को रखी गई है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।