भूमि दिवस : इजरायल सेना द्वारा मारे गए फिलीस्तीनियों की अंत्येष्टि

गाजा सीमा के पास भूमि दिवस की 42 वीं वर्षगांठ के दौरान इजरायल की सेनाओं द्वारा मारे गए 17 फिलीस्तीनियों की अंत्येष्टि की गई। गाजा पट्टी में फिलीस्तीनियों ने शुक्रवार देर 30 वर्षीय सादी अबू ओदा के अंतिम संस्कार का आयोजन किया। पहले ही दिन में इजरायली सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलाबारी की थी।

फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 1400 से ज्यादा लोग इस प्रदर्शन घायल हो गए थे। भूमि दिवस को उस रूप में चिह्नित करता है जब 30 मार्च, 1976 को इजरायल के छह फिलीस्तीनी नागरिक इजरायल की जमीन के जब्त के विरोध में इजरायली सेना द्वारा मारे गए थे। मोहम्मद नजर (25) को उत्तरी गाजा पट्टी में जबालिया के पूर्व संघर्ष के दौरान पेट में गोली मार दी गई थी, जबकि महमूद मुअमर (38) और मोहम्मद अबू उमर (22) दोनों को राफा में गोली मारी गई थी।

अन्य पीड़ितों में अहमद ओदा (19), जिहाद फ़्रेनेह (33), महमूद सादी रहमी (33), अब्देलफतेह अब्देलनबी (22), इब्राहिम अबू शार (20), अब्देलक़दर अल-हजारी, हमदन अबू अम्शे, जिहाद अबू जामौस, बदर अल-सब्बाग और नाजी अबू हजर, जिनकी उम्र अज्ञात है।

इससे पहले शुक्रवार को गाजा के एक किसान उमर वाहीद अबू समुर भी इजरायल के तोपखाने की आग से मारे गए थे मारे गए। बाकी सभी का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे दिन किया गया। मारे गए लोगों के सम्मान में, फिलीस्तीनी प्राधिकरण ने शनिवार को ‘राष्ट्रीय शोक’ दिवस घोषित किया।

शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि शहीदों की आत्माओं के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित करने के निर्णय के अध्यक्ष महमूद अब्बास के अनुसार, देश भर में स्कूलों, विश्वविद्यालयों, साथ ही सभी सरकारी संस्थान इस दिन बंद होंगे। आदाला नामक कानूनी केंद्र ने इजरायल की सेना की निंदा की है।

https://www.aljazeera.com/news/2018/03/funerals-palestinians-killed-israel-army-land-day-180331064526623.html

गाजा के एक छात्र, महामद ने अल जजीरा को बताया कि इजरायल के हमला फिलिस्तीनियों को विरोध करने से नहीं रोक सकता। हम भूमि दिवस मनाने के लिए आए थे। हम अपने शहीदों को याद करने और हमारी भूमि के स्वामित्व को पुनः प्राप्त करने के लिए बाहर आए। हम अंतिम सांस तक विरोध करेंगे। हमें अब बातचीत नहीं करनी चाहिए।

कुवैत के अनुरोध पर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को देर से एक आपात बैठक आयोजित की लेकिन एक संयुक्त बयान की सहमति होने में विफल रहे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने इसकी स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग की है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के राजदूत मंसूर अल-ओतेिबी ने इजरायल के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए सुरक्षा परिषद की आलोचना वाला एक बयान जारी किया।

साल 2014 के गाजा युद्ध के बाद एक दिन में हुआ यह भयानक संघर्ष था। इस्राइल की पूर्वी और उत्तरी सीमा सहित नाकेबंदी वाले इस क्षेत्र के विभिन्न स्थलों पर महिलाओं और बच्चे समेत फिलिस्तीनी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

कुछ लोग कड़ी सुरक्षा वाली इस्राइली सीमा की तरफ बढ़ने लगे। इस क्षेत्र में तैनात सशस्त्र इस्राइली सैनिकों ने इन लोगों को पीछे खदेड़ने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और गोली चलाई।