लखनऊ: अयोध्या के एक मंदिर के पांच साधुओं द्वारा मां-बेटी के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। थाना और पुलिस अधिकारियों ने मामले में कोई सुनवाई नहीं की तो पीड़िताओं ने अदालत में फरियाद लगाई। अब कोर्ट ने पांच साधुओं और गैंगरेप में सहयोग करने वाली एक दासी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश अयोध्या कोतवाल को दिया है। यह आदेश सीजेएम राजेश पाराशर की कोर्ट से हुआ है। गैंगरेप पीड़िता मां ने आरोप लगाया है कि अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के एक मंदिर में वह अपनी बेटी के साथ रहती है। मंदिर में रहने वाले लोगों ने पहले लगभग सालभर तक उसके साथ गैंगरेप किया। इसका विरोध करने पर उसकी बेटी के साथ भी सभी ने रेप किया। इस कार्य में मंदिर की एक दासी ने भी सहयोग किया। आरोप है कि 2 फरवरी 2017 को मंदिर की दासी नैना देवी ने बेटी को ले जाकर कमरे में बंद कर दिया और भीतर सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। शिकायत करने पर दोनों की हत्या करके लाश सरयू में फेंक देने की धमकी दी। इसकी शिकायत दोनों ने साथ जाकर अयोध्या कोतवाली में की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। शिकायत करने के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की। थकहार कर मां ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट में दी गई अर्जी में मंदिर के साधु सुदामादास, संजयदास, राम कुमारदास, गुलशन शर्मा, रघुवरदास व दासी नैना देवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की गुजारिश की है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना करने का आदेश दिया।