यूपी के महाराजगंज में रेप के मामले को छेड़खानी बताकर केस को कमजोर करने के मामले में पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं।
ये मामला नियारा थाना क्षेत्र का है, जहाँ नाबालिग लड़की के साथ 4 लोगों द्वारा रेप के मामले को छेड़खानी बताकर पुलिस मामले में दबाने की कोशिश कर रही थी।
कुछ दिन पहले पनियारा थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा को चार मनबढ़ रास्ते से उठा ले गए। उन्होंने खेत में ले जाकर लड़की के साथ गैंगरेप किया और उसे वहीँ छोड़कर भाग गए।
लड़की किसी तरह घर पहुंची और घरवालों को पूरा वाकया सुनाया। परिवार ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी। पीड़िता के घर पहुंची पुलिस ने सारी बात सुनी, लेकिन यह कहकर वापस चली गई कि उनके पास महिला पुलिस नहीं है। इसलिए वे लड़की को लेकर थाने आएं।
पुलिस तीन दिन तक उन्हें घूमाती रही। इस दौरान चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन इनमें से एक को छोड़ बाकी तीन को छोड़ दिया गया।
पुलिस ने जिसे पकड़े रखा हैं, उसपर भी छेड़खानी का आरोप लगाया गया है। लड़की के पिता का आरोप है कि उसके निरक्षर होने के नाते पुलिस ने अपनी मर्जी की तहरीर पर दस्तखत करवाया।
पुलिस की इस हरकत के लिए पीड़िता के परिवार वाले शनिवार को उसे लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। जहाँ उसने पूरी आप बीती सुनाई। एसपी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।