गौरी लंकेश के मुंहबोले बेटे जिग्नेश मेवाणी, उमर खालिद और कन्हैया कुमार, माँ के लिए लिखी भावुक पोस्ट

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में राज राजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास के बाहर कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी हत्या की खबर से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई और देश की कई बड़ी हस्तियों ने इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तो इस घटना को ‘लोकतंत्र की हत्या’ तक कह डाला। गौरी की हत्या पर उनके मुंहबोले बेटे दलित नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार ने भी शोक व्यक्त किया है।

जिग्नेश ने गौरी को याद करते हुए फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट लिखा, उन्होंने लिखा कि गौरी किस तरह अपने मुंहबोले बच्चों की पहवाह करती थीं। जिग्नेश ने गौरी से हुई आखिरी मुलाकात को याद करते हुए कहा, “जब मैं उनसे (गौरी) पिछली बार मिला था तो वह मेरे लिए एक टी-शर्ट और मिठाई लाई थीं, जिसको मैंने जेएनयू के मोहित पांडेय और शहला राशिध के साथ शेयर किया था। जब भी मैं और कन्हैया बेंगलुरु जाते, वह सख्ती से आयोजकों को निर्देश देती थीं कि हम उनके घर पर ही रुकेंगे। वह आधी रात में भी मुझे पिक करने आती थीं। वह लोगों को बताती थीं कि जिग्नेश उनका अच्छा बेटा है और कन्हैया उनका खराब बेटा। वह हम दोनों से बराबर प्यार करती थीं। यह यकीन करना मुश्किल है कि अब मैं उन्हें दोबारा नहीं देख सकूंगा”।

जिग्नेश ने इस दिन को ‘भारतीय लोकतंत्र का काला दिन’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि लंकेश को निडर होने की कीमत चुकानी पड़ी। यह लोकतंत्र और तर्कसंगतता की हत्या है।

वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गौरी लंकेश की हत्या पर दुख जताते हुए इसे कायरतापूर्ण हत्या बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”वो हमेशा हमारे दिल में जिंदा रहेगी, वो मेरी मां की तरह थी।”

उमर खालिद की पोस्ट 

कौन है गौरी लंकेश?

गौरी लंकेश पत्रिके की एडिटर थीं। गौरी लंकेश भाषाई पत्राकरिता में कुछेक महिला पत्रकारों में से एक थी। अपने तीखे तेवर और एंटी एस्टैबलिस्मेंट अंदाज के लिए उनको जाना जाता था। नवंबर 2015 में गौरी लंकेश को अपने पत्रिका में 2008 में एक तीन भाजपा नेताओं के बारे में एक खबर छापने के बाद मानहानी के केस में कोर्ट नें 10000 रूपए का फाइन और छ माह के जेल की सजा सुनाई थी। वह फिलहाल जमानत पर थीं।