हैती में समलैंगिक विवाहों पर लगी रोक

हैती में समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही समलैंगिकता के समर्थन में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने पर भी रोक लगा दी गई है।  हैती के सीनेट में इस बारे में कानून पारित कर दिया गया है. सीनेट के अध्यक्ष का कहना है कि यह कानून लोगों की इच्छा को दर्शाता है।

भारत में भी समलैंगिक विवाहों को मान्यता की मांग को लेकर कानूनी लड़ाई जारी है। यहां सुप्रीम कोर्ट ने दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध माना है।

हैती में पिछले मंगलवार को सीनेट में पारित एक विधेयक के मुताबिक समलैंगिक विवाह के पक्षकारों, सहायक पक्षकारों और सभी सहयोगियों को तीन साल जेल की सजा और आठ हजार डॉलर के जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

सीनेट के अध्यक्ष योरी लाटोर्टू ने बताया, ‘‘सीनेट के सभी सदस्यों ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया, जो सीनेट सदस्यों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को प्रतिबिंबित करता है।’’ हैती के संविधान ने एक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र की स्थापना की है, लेकिन देश में धार्मिक विश्वास गहरे पैठे हुए हैं।

समलैंगिकता को पश्चिमी विचारधारा बताते हुए लाटोर्टू ने कहा, ‘‘हालांकि राज्य धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन यह लोगों का विश्वास है जो अधिसंख्यक हैं।’

उन्होंने कहा कि देश को उसके मूल्यों और परंपराओं पर ध्यान देना होता है। दूसरे देशों में कुछ लोग इसे अलग तरह से देखते हैं, लेकिन हैती में इसे ऐसे ही देखा जाता है।