“Gay Relationship’ बनाना जुर्म है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने Gay Relationship पर तारीखी फैसला सुनाते हुए उसे गैरकानूनी करार दिया है। Gay Relationship को जुर्म के जुमरे से हटाने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर दरखास्त पर सुप्रीम कोर्ट ने बुध के रोज़ अपना फैसला सुनाया। जस्टिस जीएस सिंघवी व जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की बेंच Homosexuality के खिलाफ खिलाफ चलाने वालों के इलावा मुख्तलिफ सामाजी मज़हबी तंज़ीमों की ओर से दायर दरखास्तो पर फैसला सुनाया है।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हुकूमत को हिदायत दी है कि वह कानून में बदलाव कर सकती है और अटॉर्नी जनरल से सलाह ले सकती है। बेंच की ओर से जस्टिस सिंघवी ने फैसला सुनाया है। वे आज ही रिटायर हो रहे हैं।

वहीं, इस फैसले के बाद जदयू एमपी शिवानंद तिवारी ने अपना ख्याल ज़ाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने इस फैसले पर फिर से गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले से नाखुश हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में इस पर अपना फैसला महफूज़ रख लिया था। सुनवाई के दौरान आली अदालत ने इस मसले पर मरकज़ के पुरसुकून रवय्ये की तंकीद की थी। कोर्ट ने पार्लियामेंट में इस पर बहस न होने पर भी फिक्र जताई थी। गौरतलब है कि दो जुलाई, 2009 के फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दो बालिग अगर रज़ामंदी से Gay Relationship बनाते हैं तो वह जुर्म की जुमरे ( कटेगरी) में नहीं आएगा |