नोटबंदी से GDP को लगा तगड़ा झटका, ग्रोथ रेट तीन साल के निचले स्तर पर पहुंचा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही नोटबंदी के कई फायदे गिना रहे हों लेकिन सच यह है कि देश की जीडीपी (ग्रोस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट) को इससे नुकसान हुआ है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.7 फीसद पर आ गई है। यह इसका तीन साल का निचला स्तर है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी। विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के बीच लगातार तीसरी तिमाही में नोटबंदी का असर दिखाई दिया।

पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में नोटबंदी के प्रभाव की वजह से आई जीडीपी में गिरावट के बाद उम्मीद की जा रही थी इसकी भरपाई अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कर ली जाएगी। लेकिन सीएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों को देखकर लगता है कि अर्थव्यवस्था न सिर्फ नोटबंदी की मार से उबर पाई है, बल्कि इसका असर नए टैक्स सिस्टम (जीएसटी) पर भी पड़ा है।

जानकारों का मानना है कि 1 जुलाई को लॉन्च हुए नए टैक्स सिस्टम जीएसटी से पहले चल रही कन्फ्यूजन की स्थिति के कारण जीडीपी डेटा में गिरावट देखी गई है।

इन आंकड़ों ने पीएम मोदी के उन दावों को ग़लत साबित किया है जिनमें उन्होंने कहा था कि देश अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है।