मोदी सरकार ने माना: फर्जी जाति प्रमाणपत्र के ज़रिए सवर्णों ने हजारों नौकरियां पाईं

देश में फर्जी जाति प्रणामपत्र बनवाकर 1,832 लोगों की नियुक्तियां की गई हैं। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में 1,832 नौकरियां ऐसी हैं जो फर्जी जाति प्रणाम पत्र के सहारे की जा रही हैं। सबसे ज्यादा फर्जी जाति प्रणाम पत्र बनवाकर वित्तीय संस्थाओं में नौकरियां की जा रही हैं।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में जारी किए गए अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जानकारी एकत्रित की और फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे 276 लोगों को निलंबित या हटा दिया गया है। वहीं 521 लोगों पर मुकदमा चल रहा है जबकि 1,035 मामलों में अभी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।

वित्तीय संस्थानों में 1,296 नौकरियां फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर की जा रही हैं। भारतीय स्टेट बैंक में 157 लोग, सेंट्रल बैंक में 135, इंडियन ओवरसीज़ बैंक में 112 और सिंडिकेट बैंक में 103 जबकि 41-41 लोग न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में जाली जाति प्रमाण पत्र के दम पर नौकरी कर रहे हैं।