हज पॉलिसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसमें 65 साल से ऊपर के आवेदकों के के लिए रिलीफ की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 65 साल से ऊपर के सभी आवेदकों की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही कोर्ट ने मोदी सरकार से कहा है कि वे 65 साल से ऊपर के ऐसे लोगों पर ध्यान दें जिन्होंने पांचवी बार हज यात्रा के लिए आवेदन किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को राहत दी जानी चाहिए, जो 65 साल से ऊपर के हैं और हज जाने में असफल रहे हैं. उच्चतम न्यायालय इसकी सुनवाई 9 फरवरी को करेगा.
गौरतलब है कि हाल ही में सालाना हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी अब पूरी तरह खत्म कर दी गई है. ऐसे में इस साल मुस्लिम जायरीन बिना सब्सिडी के ही हज पर जाएंगे. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह जानकारी देते हुए बताया था कि हर साल सरकार की तरफ से हज सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपये दी जाती थी.
इसके साथ ही नकवी ने यह भी बताया कि पिछले साल जहां सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे, वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे. यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है. सरकार ने यह भी कहा था कि हज सब्सिडी से बचने वाली राशि मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी.