गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों को बचाने की कोशिश के बाद लोग डॉ. कफील को एक मसीहे का दर्जा दे रहे थे।
डॉ. कफील खान की भूमिका की सराहना की जा रही थी।
लेकिन जांच के बाद योगी सरकार ने डॉ. कफील पर कार्रवाई कर दी।
10 अगस्त के बाद डॉ. कफील का मोबाइल फोन भी स्वीच ऑफ हो गया था। जिसके बाद उनके देश छोड़कर विदेश भाग जाने की अफवाह पूरे गोरखपुर शहर में जोरों पर छाई हुई है।
लोगों का मसीहा कहे जाने वाले डॉ. कफील के चरित्र पर उंगलियां उठाई जा रही थी। लेकिन अब इस मामले पर मीडिया से हुई एक बातचीत करते हुए डॉ. कफील ने इन सभी आरोपों को खारिज़ कर दिया है।
न्यूज18 हिंदी ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मेरी मां हज करने मक्का गई थी। उन्हीं को लेने लखनऊ आया हूं। डॉ. कफील ने कहा कि गोरखपुर में हुए हादसे में मेरी कोई भी गलती नहीं है।
इस घटना में मुझे बेबुनियाद तौर पर फंसाया जा रहा है। इस घटना की जांच चल रही है। 20 अगस्त को जांच कमेटी के आगे मेरा बयान दर्ज होनेवाला है। इससे पहले मै मीडिया को कोई बयान नहीं दे सकता।