गोरखपुर: बच्चे को खोने वाले पिता बोले- मुझे छोटा सा पंप दिया जिसे मैं साढ़े तीन घंटे तक दबाता रहा

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण अब तक कई बच्चों की मौत हो चुकी है और माँ-बाप की खुशियाँ उजड़ चुकी हैं। इसमें से एक हैं नपुर गांव के रहने वाले शैलेंद्र गुप्ता। शैलेंद्र बेंगलुरु में नौकरी करते हैं। पिछले महीने शैलेंद्र की पत्नी ने उनके बच्चे को जन्म दिया। इस ख़ुशी के मौके पर शैलेंद्र अपने परिवार से मिलने घर आये थे।

तीन हफ्ते बाद बच्चे के जन्म का जश्न मनाने के बाद शैलेंद्र और उसकी पत्नी को पता चला की उनके बच्चे को सांस लेने में काफी दिक्क्त हो रही है। जिसके कारण वह 9 अगस्त की देर रात बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर आ गए।

अपस्ताल के स्टाफ ने उन्हें छोटा सा ऑक्सीजन पंप दे दिया और कहा कि आप इससे अपने बच्चे को साँस दिलाते रहिये, जिसके साथ मैंने अपने बच्चे को साढ़े तीन घंटे तक सांस दी। इसके बाद वे लोग मेटे बच्चे को आईसीयू में ले गए। लेकिन अगले ही दिन हमें अस्पताल स्टाफ से खबर मिली की हमारे बच्चे की मौत हो गई है।

10 अगस्त तक बीआरडी अस्पताल में मरने वाले 23 बच्चों में से एक बच्चा शैलेंद्र का भी है।

रोते हुए शैलेंद्र ने कहा कि मैं अपने बच्चे का चेहरा भी नहीं देख पाया। 10 अगस्त तक बीआरडी अस्पताल में मरने वाले 23 बच्चों में से एक बच्चा शैलेंद्र का भी है। शैलेंद्र ने कहा कि उसे हमेशा ऐसा लगता रहता है कि उसके बच्चे की जान बच सकती थी।